सागर के चार थानों की अनियमितताओं का खुलासा करने वालों को हाई कोर्ट से राहत, पुलिस कार्रवाई पर लगी रोक

सागर जिले के चार थानों में कथित अनियमितताओं को उजागर करने वाले याचिकाकर्ताओं को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ किसी भी तरह की पुलिस कार्रवाई पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है।
हाई कोर्ट की एकलपीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से यह आशंका जताई गई कि पुलिस उनके खिलाफ दुर्भावनावश झूठे प्रकरण दर्ज कर सकती है। यह भी बताया गया कि स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद से उनके कॉल रिकॉर्ड किए जा रहे हैं और निगरानी बढ़ा दी गई है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रदेश के मुख्य सचिव, विधि विभाग और गृह विभाग के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक, संबंधित आईजी, सागर के पुलिस अधीक्षक और सीबीआई को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान की गई है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत को बताया गया कि उन्होंने सागर जिले के बहेरिया, मोतीनगर, मकरोनिया और गोपालगंज थानों में पदस्थ पुलिसकर्मियों की कथित गतिविधियों का स्टिंग ऑपरेशन के जरिए खुलासा किया था। इसमें अवैध शराब की बिक्री, जुआ-सट्टा संचालन की अनुमति, नाबालिगों के माध्यम से मादक पदार्थों की बिक्री और स्पा सेंटरों में देह व्यापार से जुड़े आरोप सामने आए थे।
याचिका में यह भी कहा गया कि इन मामलों के उजागर होने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय याचिकाकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है। उनके कॉल रिकॉर्ड निकलवाए जा रहे हैं और उनके खिलाफ झूठे मामलों की तैयारी की जा रही है।
याचिकाकर्ताओं ने अपने मौलिक अधिकारों की सुरक्षा, पुलिस संरक्षण और स्टिंग ऑपरेशन की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। अदालत ने फिलहाल पूरे मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।





