नगर निगम बजट सत्र में मच्छर, मकान और मुक्तिधाम पर गरमाई बहस

बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक मंगलवार को एक बार फिर सियासी संग्राम में तब्दील हो गई। बजट सत्र के नाम पर बुलाई गई इस बैठक में विकास और जनहित की योजनाओं से ज्यादा वाद-विवाद और आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिले।
बजट की जगह बहस का बजट!
बैठक की शुरुआत भले ही शहर के बजट 2025-26 को लेकर हुई हो, लेकिन मुद्दे जल्द ही मच्छरों, अधूरी सीवरेज लाइन, पीएम आवास योजना, ऑनलाइन टैक्स भुगतान में दिक्कतें और मुक्तिधाम की बदहाली पर आकर उलझ गए।
सत्तापक्ष ने जहां सीवरेज कार्य और बढ़ते मच्छर प्रकोप पर चिंता जताई, वहीं विपक्ष ने लार्वा कंट्रोल, फॉगिंग न होने और आवास योजना में हितग्राहियों को लाभ न मिलने को लेकर नगर निगम प्रशासन को आड़े हाथों लिया।
‘जर्जर मुक्तिधाम’ पर असंवेदनशील बयान
सदन का माहौल उस समय और ज्यादा असहज हो गया जब लिंगियाडीह के कांग्रेस पार्षद दिलीप पाटिल ने ऊर्जा पार्क स्थित मुक्तिधाम की बदहाली को लेकर सौंदर्यीकरण की मांग की। इस दौरान भाजपा पार्षद जय वाधवानी ने टिप्पणी कर दी –
“ऐसा मुक्तिधाम बनाएंगे कि मरा हुआ आदमी भी जिंदा हो जाएगा।”
इस विवादास्पद टिप्पणी पर सदन में कुछ पल को सन्नाटा छा गया और पार्षदों ने इसे गंभीर असंवेदनशीलता बताते हुए विरोध भी दर्ज किया।
महिला पार्षद पर टिप्पणी से भड़का विवाद
इसी बीच एक महिला पार्षद पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से भी माहौल और गर्मा गया। कांग्रेस के पार्षदों ने भाजपा पर मर्यादा भंग करने का आरोप लगाते हुए माफी की मांग की।
धरातल से जुड़ी समस्याएं भी उठीं
रायपुर रोड पर मंडपम मार्ग के अधूरे काम और अवैध कब्जों का मुद्दा भी गरमाया।
पेयजल संकट, टैंकर से जल आपूर्ति और बोर खनन पर भी तीखी बहस हुई।
शनिचरी शराब भट्टी को हटाने की मांग फिर उठी।
फ्री होल्ड मकानों की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हुए।
60 करोड़ का बजट पास, लेकिन शोर-शराबे में दब गए मुद्दे
नगरोत्थान योजना के तहत नगर निगम ने 60 करोड़ की परियोजनाएं पास कीं, जिनमें सड़क चौड़ीकरण, गौरव पथ, अटल पथ और बेसमेंट पार्किंग जैसे कार्य शामिल हैं। हालांकि बैठक का माहौल ऐसा रहा कि ये सारे विकास कार्य भी हंगामे के शोर में कहीं दब गए।





