छत्तीसगढ

पूर्व संघचालक स्व. कुंदन लाल जैन स्मृति विचार माला के अंतर्गत द्वितीय पुष्प का आयोजन, जैन गुरु पावन निश्रा, विराग मुनिश्री और सुप्रीम कोर्ट के सुप्रिसद्ध अधिवक्ता विष्णु शंकर जी जैन ने रखे विचार

रायपुर के पूर्व संघचालक स्व. कुंदन लाल जैन की स्मृति में राजधानी रायपुर स्थित मेडिकल कॉलेज सभागार में स्मृति विचार माला के द्वितीय पुष्प का आयोजन किया गया। कुंदन लाल जैन स्मृति विचार मंच के इस कार्यक्रम में “राष्ट्र गौरव का पुनर्जागरण” विषय पर जैन समाज के गुरु पावन निश्रा परमपूज्य विराग मुनिश्री , सुप्रीम कोर्ट के सुप्रिसद्ध अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संघचालक डॉ. पुर्णेन्दु सक्सेना ने अपना उद्बोधन दिया।

जैन समाज के गुरु पावन निश्रा परमपूज्य विराग मुनिश्री जी ने विचार माला द्वितीय पुष्प को सम्बोधित करते हुए कहा कि महावीर स्वामी ने अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक गुण बताया। उनके बताए अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) , ब्रह्मचर्य जैसे पंचशील के सिद्धांत यदि आज विश्व अपना ले तो कहीं कोई समस्या नहीं रहेगी लेकिन आज विकट समय आ गया है। उन्होंने ब्रिटिश काल की कुछ घटनाओं का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि जब अंग्रेज भारत में आए, तब जॉर्ज मैकाले को भारत भेजा गया। सर्वेक्षण के बाद मैकाले ने ब्रिटिश शासन को एक रिपोर्ट भेजी, उस रिपोर्ट में लिखा कि यदि भारत को गुलाम बनाना है तो हमें 3 काम करने होंगे। पहला शिक्षा, संस्कृति के प्रति हीन भावना लानी होगी। दूसरा संस्कृति को ठेस पहुंचाना होगा, तीसरा संयुक्त परिवार को तोड़ने तोड़ना होगा और उन्होंने यही किया। मुनिश्री ने आगे कहा कि शीतयुद्ध बहुत हो गया अब आर या पार का समय है। समय आ चुका है हमें अपनी संस्कृति को जीवित करना है। अपने संस्कारों को प्रकाशित करना है। रामराज्य को लाना है।

कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता सुप्रीम कोर्ट के सुप्रिसद्ध अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज बहुत बड़ी साजिश चल रही है। ज्ञानव्यापी का केस 2019-20 में हमने फाइल किया, मुझे और हमारी टीम को अनुभव होता है कि यह हमसे फाइल हुआ है, इस बीच बहुत महत्वपूर्ण और आध्यात्मिक घटनाएं हुई हैं। भगवान श्रीराम मंदिर केस में सुप्रीम कोर्ट ने लिखित रूप से कहा कि मंदिर के टूट जाने के भगवान का अस्तित्व खत्म नहीं हो जाता है। हम भी यही कहते हैं कि वन्स अ टेम्लप ऑलवेज अ टेम्पल। श्रीराम मंदिर में एएसआई की जो रिपोर्ट आई थी उससे मजबूत रिपोर्ट ज्ञानव्यापी को लेकर एएसआई ने दी है।

कार्यक्रम की प्रस्तावना क्षेत्रीय संघचालक डॉ. पुर्णेन्दु सक्सेना ने रखी। श्री सक्सेना ने कहा कि स्वर्गीय श्री कुंदन लाल जैन ने विचारशील जीवन जिया है। सबको साथ लेकर चलना उनके चरित्र की महानता रही उनका प्रयास रहा कि सभी एकजुट होकर समाज और देश के हित में कार्य करते रहे। कार्यक्रम का संचालन  चंदन जैन एवं आभार प्रदर्शन नंदन जैन ने किया।

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