दुर्ग: जनपद सदस्यों का आरोप: CEO ने कहा ‘5 साल तक भुगतना पड़ेगा’, विधायक पर भी लगे बंदरबांट के आरोप

दुर्ग। दुर्ग जनपद पंचायत में विवाद गहराता जा रहा है। यहां विपक्षी दल के 11 सदस्यों ने जनपद के सीईओ रूपेश पांडेय पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। सदस्यों का कहना है कि वे 15वें वित्त आयोग की राशि के सही आवंटन की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे, तभी सीईओ वहां पहुंचे और सबके सामने कहा – “5 साल तक इसी तरह भुगतना पड़ेगा”।
इस टिप्पणी से नाराज़ होकर जनपद उपाध्यक्ष राकेश हिरवानी के नेतृत्व में 11 सदस्यों ने कलेक्टर को लिखित शिकायत दी है और सीईओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। राकेश हिरवानी ने कहा कि सीईओ के इस व्यवहार पर सख्त अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।
इसके साथ ही सदस्यों ने दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक द्वारा 15वें वित्त आयोग की राशि और पिछली योजना की रकम में मनमानी की गई है।
राकेश हिरवानी के मुताबिक, पिछले कार्यकाल की 76 लाख और वर्तमान में 1 करोड़ 59 लाख रुपये की राशि का बंदरबांट हुआ है।
इन आरोपों पर विधायक ललित चंद्राकर ने सफाई देते हुए कहा, “राशि के आवंटन का अधिकार अध्यक्ष को होता है, इसमें कोई भी विधायक दखल नहीं देता। कांग्रेस का काम सिर्फ आरोप लगाना है।”
फिलहाल कलेक्टर कार्यालय में शिकायत पहुंच चुकी है और पूरे मामले की जांच की मांग की जा रही है।





