स्वास्थ्य विभाग की नाकामी से राजगढ़, ब्यावरा में 10 डेंगू पाजिटिव आए..
राजगढ़। जिले में डेंगू का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। डेंगू के लार्वा को पूरी तरह से नष्ट करने में स्वास्थ्य महकमा नाकाम साबित हो रहा है। जिसके चलते जिले में राजगढ़ व ब्यावरा में एक साथ डेंगू के 10 पाजिटिव केस सामने आए हैं। बड़ी संख्या में डेंगू के केस मिलने से जिले में हड़कंप मचा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि राजगढ़ जिले में जुलाई माह से ही डेंगू के केस लगातार सामने आ रहे हैं। लगातार मच्छरों के पनपने के कारण बीच-बीच में डेंगू पाजिटिव केस आ रहे हैं। डेंगू के केस सामने आने के कारण जिले में भी नागरिक अब डरे हुए हैं। इसी बीच मंगलवार को जिले में 10 पाजिटिव केस आए हैं। जिसमें राजगढ़ नगर में चार केस आए हैं व एक पाजिटिव दनवासकला में आया है। इसके अलावा ब्यावरा शहर में एकसाथ पांच पाजिटिव केस सामने आए हैं।
अब दोनों ही स्थानों पर संबंधित पाजिटिव केस वाले घरों की सर्चिंग करने के साथ ही डेंगू के लार्वा को स्वास्थ्य विभाग की टीमों के द्वारा नष्ट करने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आसपास के घरों का सर्वे करके प्रभावितों के सैंपल भी लिए जाएंगे, ताकि अन्य कोई संदिग्ध हो तो उनका समय रहते उपचार किया जा सके।
अब तक जिले में 199 पाजीटिव, राजगढ़ में 97 जिले में जून-जुलाई से डेंगू के केस बढ़ना चालू हो गए थे। सबसे अधिक केस जुलाई के बाद से सामने आ रहे हैं। ऐसे में जिले में अभी तक 199 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं। जिसमें सबसे अधिक राजगढ़ में 97 केस आ चुके हैं।
जबकि दूसरे स्थान पर 45 केसों के साथ खिलचीपुर है। ब्यावरा में अब तक 36 डेंगू पाजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं।सारंगपुर में 16 वनरसिंगढ़ में 2, जीरापुर में भी 3 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं। लगातार केस बढ़ने से अब स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक मप्र के 35 ऐसे जिले सामने आए हैं, जिनमें लगातार डेंगू के केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में इसको लेकर विभाग ने चिंता व्यक्त की है।
प्रोटोकाल का नहीं कर रहे पालन
डेंगू केस सामने आने के बाद संबंधित क्षेत्र का सर्वे करने से लेकर डेंगू का लार्वा नष्ट करने, बुखार से प्रभावित लोगों की जांच करने, सैंपल लेने व संबंधित क्षेत्र पर निगरानी रखने के निर्देश हैं। लेकिन जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है, बल्कि औपचारिक रूप से सर्वे, सैंपलिंग की जा रही है न ही लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिसके कारण डेंगू को लेकर जिले में बहुत अधिक सजग भी नागरिक नहीं है।