पन्ना। मनोरंजन मेले और पशु मेले तो आए दिन देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होते हैं पर हीरों का मेला मध्य प्रदेश के पन्ना में ही सजता है। आज से पन्ना की रत्नगर्भा धरती पर तीन दिन तक हीरों का मेला सज गया है। देश-विदेश के पारखी और कारोबारी इस मेले में पहुंच रहे हैं और ये 78 प्राकृत हीरों के लिए बोली लगाएंगे। शासकीय हीरा कार्यालय फिलहाल इन हीरों की अनुमानित कीमत तीन करोड़ 53 लाख 27 हजार रुपये मानकर चल रहा है पर संभव है कि नीलामी में कीमत और बढ़ जाए। सात महीने बाद हो रही नीलामी में 32.80 कैरेट का हीरा आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र रहने वाला है। इस बार छह कैरेट से लेकर 32.80 कैरेट तक के हीरे पारखियों की नजरों से गुजरेंगे और कारोबारी उन्हें खरीदेंगे। नीलामी में 221.07 कैरेट हीरे रखे जा रहे हैं। बोली की राशि में से 11 प्रतिशत राजस्व कटौती राज्य शासन करता है। शेष रकम हीरा खोजने वाले के खाते में जमा कर दी जाती है।
मजदूर को मिला है 32 कैरेट का हीरा
कहते हैं कि मेहनत करने के साथ किस्मत का होना भी जरूरी है। ऐसा ही कुछ पन्ना के मजदूर स्वामीदीन गौड़ के साथ हुआ। एक खदान लेकर दिन-रात मेहनत की और एक दिन ऐसा आया कि गरीब स्वामीदीन खदान में हीरा देखकर खुशी से उछल पड़ा। उसे इस वर्ष का सबसे बड़ा 32.80 कैरेट का हीरा मिला है। स्वामीदीन का कहना है कि वह नीलामी से मिलने वाली राशि से अपने बच्चों को पढ़ाने के साथ ही स्वजन की जरूरतों को पूरा करेगा। उसे करीब दो करोड़ रुपये मिल सकते हैं। इसी तरह से मजदूरी करने वाले राजू गौड़ को 19.22 कैरेट का हीरा तीन महीने पूर्व मिला है। वह मजदूरी करने के साथ ही खदान लेकर हीरा खोज रहा था।
जैम क्वालिटी के हीरे आकर्षण का केंद्र
नीलामी की प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय हुए हीरे के एक कैरेट के दाम के अनुसार होगी। महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश के साथ ही विदेशी कारोबारी भी नीलामी में शामिल हो रहे हैं। प्रवेश शुल्क पांच हजार जमा कराने के बाद ही इस प्रक्रिया में शामिल हुआ जा सकता है। 78 नग हीरों में से पांच बड़े हीरे मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं। हीरा निरीक्षक नूतन जैन के अनुसार, नीलामी में जैम (उज्ज्वल) क्वालिटी के पांच हीरे शामिल हैं। सबसे बड़ा हीरा 32.80 कैरेट का है। इसके बाद 19.22, 16.10, 6.97 और 6.65 कैरेट का हीरा शामिल हैं।