धमतरी में महिलाओं और बच्चों की बदली तस्वीर: 25 साल में विकास की नई इबारत लिखी गई

धमतरी । छत्तीसगढ़ राज्य अपने स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूरे कर 1 नवम्बर को रजत महोत्सव मना रहा है। इन पच्चीस वर्षों में प्रदेश ने विकास के कई नए आयाम छुए हैं, खासकर महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के क्षेत्र में। धमतरी जिले में सरकार की योजनाओं ने लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है।
महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक मजबूती के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत अब तक जिले में 2066 बेटियों के विवाह में सहयोग दिया गया है। वहीं नोनी सुरक्षा योजना से 6316 बालिकाओं को भविष्य के लिए आर्थिक सहारा मिला है। सुकन्या समृद्धि योजना से जिले की 44,182 बेटियों को बचत और आत्मनिर्भरता की राह मिली है।
दिशा दर्शन योजना के जरिए 892 हितग्राहियों को शिक्षा और रोजगार से जुड़ने का अवसर मिला है।
महिलाओं और माताओं के स्वास्थ्य व पोषण की दिशा में भी सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। हाल ही में शुरू हुई महतारी वंदन योजना (2024) से धमतरी जिले की 2,31,662 महिलाओं को लाभ मिला है। वहीं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (2017) के तहत 58,822 महिलाओं ने सुरक्षित मातृत्व की दिशा में कदम बढ़ाया है।
महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए महिला कोष ऋण योजना (2003-04) के तहत 1494 महिलाओं को ऋण दिया गया है, जबकि महिला कोष सक्षम योजना (2009-10) से 147 महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं। बच्चों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना (2009) से 1129 बच्चों को शिक्षा और सामाजिक सहयोग मिला है।
हाल ही में शुरू हुई पूरक पोषण आहार योजना (2025) से 65,433 हितग्राहियों को पोषण सुरक्षा मिली है, जिससे कुपोषण मिटाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।
इन सभी योजनाओं ने धमतरी जिले में महिला सशक्तिकरण, बाल विकास और पोषण सुधार की दिशा में नई ऊर्जा दी है। छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के इस अवसर पर यह कहा जा सकता है कि बीते 25 वर्षों में प्रदेश ने महिलाओं और बच्चों की प्रगति में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। आने वाले समय में इन योजनाओं के और प्रभावी क्रियान्वयन से “नवा छत्तीसगढ़” की राह और मजबूत होगी।





