गंगा में डूबे डिप्टी डायरेक्टर का 9 दिन बाद मिला शव, दोस्तों के साथ नहाने गए थे, तलाश में लगे थे 200 जवान
उन्नाव : वाराणसी के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह का शव 9 दिन बाद कानपुर के गंगा बैराज के पास बरामद कर लिया गया. डिप्टी डायरेक्टर 31 अगस्त को गंगा में डूब गए थे. वह दोस्तों के साथ नहाने गए थे. इस दौरान हादसा हो गया था. 9 दिनों तक करीब 200 जवान गंगा में उनकी तलाश कर रहे थे. रविवार की रात उनका शव गंगा बैराज के गेट नंबर 1 पर फंसा मिला. परिजनों ने कपड़ों से आदित्य वर्धन की पहचान की.
आदित्य वर्धन सिंह वाराणसी स्वास्थ्य विभाग में डिप्टी डायरेक्टर थे. उनकी पत्नी महाराष्ट्र में जज हैं. शव पानी मे पड़े होने की वजह से ज्यादा खराब नहीं हुआ. शव मिलने के बाद परिवार के लोगों को इसकी जानकारी दी गई. परिवार के लोगों ने मौके पर पहुंचकर शव की पहचान की. इस दौरान डिप्टी डायरेक्टर के दोस्त भी मौजूद रहे. परिवार के लोगों ने शव की पहचान की. इसके बाद नवाबगंज पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
हादसे के बाद से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम के अलावा पीएसी के 200 जवान गंगा में शव की तलाश कर रहे थे. पहले 30 किमी तक ही तलाशी अभियान चलाया जा रहा था. इसके बाद यह दायरा बढ़ाकर 70 किमी कर दिया गया था. शुरुआत के कुछ दिनों तक परिवार के लोग घाट पर डटे रहे, लेकिन डिप्टी डायरेक्टर का पता न चलने पर उनकी हिम्मत जवाब दे गई थी. इस बीच गोताखोरों ने किसी जानवर की ओर से शव का खा लेने की आशंका जता दी थी. इससे परिवार ने शव मिलने की आस खो दी थी.
करीब 7 दिनों के बाद सर्च अभियान रोक दिया गया था. हालांकि हर घाट पर पुलिसकर्मियों की टीमें लगाकर गंगा की लहरों की निगरानी की जा रही थी. उन्नाव के बांगरमऊ के कबीरपुरा गांव के रहने वाले डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह लखनऊ के इंदिरा नगर में रहते थे. 31 अगस्त को वह लखनऊ से दोस्त प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा के साथ उन्नाव पहुंचे थे. गांल के पास ही नानमऊ घाट पर वह नहाने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान सेल्फी लेने के चक्कर में वह सुरक्षा घेरा से आगे जाकर नहाने लगे.
इस बीच वह गहरे पानी में चले गए. घाट पर मौजूद पंडा ने टोका तो दोस्तों ने बताया था कि डिप्टी डायरेक्टर को तैरना आता है. डरने की जरूरत नहीं है. इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर के डूबने पर दोस्त शोर मचाने लगे. एक गोताखोर ने जान बचाने के लिए अपने खाते में 10 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए थे. इसके बावजूद वह डिप्टी डायरेक्टर को बचा नहीं पाया था. घटना की सूचना पर ऑस्ट्रेलिया में रह रही साफ्टवेयर इंजीनियर बहन प्रज्ञा समेत अन्य लोग उन्नाव पहुंते थे
डिप्टी डायरेक्टर के पिता रमेश चंद्र, मां शशिप्रभा भी बेटी से मिलने के लिए ऑस्ट्रेलिया गए थे. वह भी बेटी के साथ लौटे. हादसे में जान गंवाने वाले डिप्टी डायरेक्टर की एक बेटी भी है. वह पत्नी के साथ रहती है. आदित्य वर्धन के चचेरे भाई अनुपम कुमार आईएएस अफसर हैं. वह बिहार सीएम नीतीश कुमार से सचिव हैं. वहीं डिप्टी डायरेक्टर की भाभी प्रतिमा सिंह भी बिहार में आईएएस हैं.