अमेरिका में H-1B वीजा पर शुरू हुआ विवाद, आमने-सामने आए ट्रंप-मस्क
वाशिंगटन। अमेरिका के H-1B वीजा के निए नियमाें पर विवाद शुरू हो गया है। एच1बी वीजा कार्यक्रम के विस्तार की वकालत के बाद बहस छिड़ गई है। डोनाल्ड ट्रंप की टीम के अंदर इसे लेकर बड़ा विभाजन उभर कर सामने आया है।
मस्क ने अमेरिका की तकनीकी बढ़त को बनाए रखने के लिए टॉप इंजीनियरिंग प्रतिभाओं को आकर्षित करने के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में प्रतिभाशाली इंजीनियर की संख्या बहुत कम है। इसे एक पेशेवर खेल टीम की तरह समझें। अगर आप चाहते हैं कि आपकी टीम चैंपियनशिप जीत जाए, तो आपको टॉप प्रतिभाओं को भर्ती करना होगा, चाहे वे कहीं भी हों।
अमेरिका फर्स्ट नीति को कमजोर करने का आरोप
रामास्वामी ने मस्क की भावनाओं को दोहराया है। इसका आव्रजन पर अंकुश लगाने को प्राथमिकता देने वालों ने विरोध किया है। लारा लूमर, एन कूल्टर और मैट गेट्ज जैसे लोगों ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने अमेरिका फर्स्ट नीति को कमजोर करने का आरोप लगाया।
H-1B वीजा पाने वालों में सबसे ज्यादा भारतीय
H-1B वीजा पाने वालों में सबसे ज्यादा 70 फीसदी भारतीय ही हैं इसलिए इसकी पॉलिसी में बदलाव करने का सबसे बड़ा असर भी भारतीयों पर ही होगा। साथ ही इतने बड़े पैमाने पर H-1B वीजा धारकों में भारतीयों का होना अमेरिका की टेक इंडस्ट्री में भारतीय प्रोफेशनल्स की अहमियत को दर्शाता है। लेकिन ट्रंप के समर्थकों को यह बात रास नहीं आ रही है।