छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने विश्व आदिवासी दिवस को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने आज शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर आरोप लगाया कि आरएसएस के खुले विरोध की वजह से राज्य सरकार दबाव में आ गई। इस वजह से 9 अगस्त को उसने विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रमों का बहिष्कार किया। रायपुर में दो कार्यक्रम थे और दोनों ही कार्यक्रमों की घोषणा के बाद सरकार के प्रतिनिधि वहां नहीं गए।
उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम रायपुर के इंडोर स्टेडियम में था, जिसमें आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को शामिल होना था पर ऐन वक्त पर उन्होंने तय किया कि वे इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। दूसरा कार्यक्रम महंत घासीदास संग्रहालय की कला वीथिका में आदिवासियों पर आयोजित एक प्रदर्शनी थी, जिसका उद्घाटन भाजपा सरकार के वरिष्ठ आदिवासी मंत्री रामविचार नेताम को करना था। यह प्रदर्शनी ‘अपरिहार्य कारणों से’ स्थगित कर दिया गया। पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस की सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस को एक उत्सव का रूप दिया और सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की।हमारी सरकार ने विश्व आदिवासी नृत्य महोत्सव मनाना शुरू किया, जिसमें पूरे देश और कई अन्य देशों से आदिवासी नर्तकों का दल आया करता था। पूरे देश में आदिवासी समाज देख रहा था कि छत्तीसगढ़ में किस तरह से आदिवासी समाज को सम्मान मिल रहा है।
कांग्रेस ने पूछे पांच सवाल
आरएसएस को बताना चाहिए कि वह आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा के खिलाफ क्यों हैं?
भाजपा की सरकार के आदिवासी मुखिया विष्णुदेव साय को बताना चाहिए कि वे नागपुर से उन पर कितना दबाव है और वे इस तरह दबाव में कब तक काम करेंगे?
रामविचार नेताम वरिष्ठ और अनुभवी मंत्री हैं, उन्हें बताना चाहिए कि वे क्यों दबाव में आ गए और आदिवासियों के कार्यक्रम का बहिष्कार किया?
छत्तीसगढ़ के विभिन्न आदिवासी संगठनों से हमारा सवाल है कि क्या वे भाजपा और आरएसएस की इस कुटिल चाल का विरोध करेंगे?
कांग्रेस की ओर से हम इसकी निंदा करते हैं और हम भाजपा की इस हरकत को हर मंच पर आदिवासियों को बताएंगे।