कांग्रेस बोलीं-डीएमएफ नीति में साफ प्रतीत हो रहा निजीकरण का षड़यंत्र , करेंगे पुरजोर विरोध..
जगदलपुर | जगदलपुर आज संभाग मुख्यालय राजीव भवन में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया, बस्तर जिला कॉंग्रेस के शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य ने प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा,फुट डालो और राज करो की नीति के नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी प्रचारक हैं और इसी नीति पर बस्तर छेत्र के आदिवासियों पर काम कर रही हैं भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उनका राज्य की सरकार साथ दे रही हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बस्तारिया भाव के साथ खिलवाड़ कर रहें हैं, डीएमएफ 2024 की नीति पर क्यों मौन हैं मुख्यमंत्री बस्तर सांसद महेश कश्यप और भोज राज नाग,प्रदेश अध्यक्ष भाजपा विधायक जगदलपुर किरण देव, मंत्री केदार कश्यप और बवींप्रा उपाध्यक्ष लता उसेंडी जिसमे डीएमएफ नीति में निजीकरण का सड्यंत्र साफ दिख रहा हैं,डीएमएफ नीति से 25 किलोमीटर के दायरे में खर्च की नीति पूरी तरह राज्यों के संघीय प्रणाली पर प्रहार हैं जिससे भविष्य में केंद्र और राज्य सरकार के बिच में टकराव बढ़ती जाएगी जो की भारत के गणतंत्र राज्य के हित में कतई नहीं हैं।
डीएमएफ की राशि संबधित जिलों में खर्च के बाद केंद्र सरकार के खातों में ही रहेंगी इस फंड कर ट्रांसफर किसी भी परिस्थिति में राज्य कोस मुख्य्मंत्री राहत कोस या राज्य के किसी भी अन्य कोस में हसतांत्रित नहीं होंगी,नई डी एम एफ नीति किसके दबाव में बनाया गया हैं या संसोधन किया गया हैं इन तमाम आपत्ति को केंद्र सरकार सार्वजनिक करे।डी एम एफ राशि ख़र्च का प्रवधान केंद्र सरकार ही बनाएगा तो राज्य माइनिंग का खनीज न्यास नीति बनाने का कोई उचित नजर नहीं आता हैं ये भारत गण राज्य के संघिय व्यवस्था या ढाचे पर बड़ा प्रहार हैं क्या राज्य सरकारें खनन के लिए और खनन की सुरक्षा की ही जिम्मेदारी ही के लिए राज्य सरकारे बनी हैं क्या।नए डी एम एफ नीति पर तत्काल छत्तीसगढ़ के मुख्य्मंत्री जी को बात करना चाहिए और सहमति ना बन पाने पर राष्ट्पति जी से मुलाक़ात कर इस विषय पर अपना विरोध दर्ज करना चाहिए
साथ ही सुप्रीम कोर्ट का सरन लेना चाहिए,अगर डबल इंजन की सरकार छत्तीसगढ़ के मुखिया भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंत्री केदार कश्यप बस्तर सांसद महेश कश्यप नरेंद्र मोदी से बात नहीं कर पा रहें हैं अपनी बात नहीं रख पा रहें हैं तो उन्हें तत्काल से बस्तर के सभी जिलों का एकीकरण करते सिर्फ एक बस्तर जिला घोषित कर देना चाहिए।