दिल्ली में यातायात नियमों के उल्लंघन के चालान का शुल्क होगा आधा, जानें कैसे मिलेगी यह सुविधा
नई दिल्ली: राजधानी में वाहन चालकों के यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर चालान का शुल्क आधा होगा. दिल्ली सरकार की ओर से इसका प्रस्ताव उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भेजा गया है. प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और यह नियम लागू हो जाएगा. इससे लोगों भारी भरकम चालान भरने से लोगों को राहत मिलेगी. हालांकि निर्धारित समय के भीतर ही चालान का शुल्क जमा करने पर इस लोगों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा.
मिलेगी इतनी छूट: दिल्ली में रोजाना बड़ी संख्या में वाहनों का चालान होता है. अक्सर व्यस्तता के कारण लोग चालान का शुल्क नहीं जमा कर पाते हैं. ऐसे में लाखों की संख्या में चालान पेंडिंग रहते हैं. इसलिए दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से एक प्रस्ताव तैयार किया गया है कि, यदि कोई भी व्यक्ति चालान कटने के दौरान तुरंत भुगतान करता है तो उसे 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी. चालान कटने के 30 दिन के भीतर ऑनलाइन चालान शुल्क जमा करने पर भी यह छूट मिलेगी. इससे चालान जमा करने वालों की संख्या बढ़ जाएगी. साथ ही राजस्व भी प्राप्त होगा. यह प्रस्ताव ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से दिल्ली सरकार को भेजा गया है.
इसलिए लिया गया फैसला: दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार तैयार है. दिल्ली सरकार की तरफ से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर लगने वाले चालान की रकम 50 प्रतिशत वसूलकर निपटाने का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेज दिया गया है. नोटिफेकेशन जारी होने से एक दिन पहले तक यातायात नियमों के उल्लंघन के चालान हुए होंगे, उन्हें भी 90 दिन के भीतर ऑनलाइन चालान शुल्क जमा करने पर 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि यह फैसला जनता की सुविधा और चालान निपटान को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है. मोटर व्हीकल एक्ट की कुछ विशेष धाराओं के तहत यह छूट लागू होगी, जिसका लाभ जनता को मिलेगा
बस मार्शलों को बहाल करने की मांग: दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर बस मार्शलों को तुरंत बहाल करने की मांग की है. क्योंकि सर्विस डिपार्टमेंट के मामले उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में हैं. आतिशी ने कहा है कि हम बस मार्शलों को उनकी नौकरी पर बहाल करने के लिए हर संभव सहायता और समर्थन देने के लिए तैयार है. बस मार्शलों को अचानक हटाने से वे बेरोजगार हो गए हैं. दूसरी ओर बसों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ा है. इन बस मार्शलों को अचानक हटाना बहुत ही निर्दयी कदम है. दिल्ली सरकार ने वर्ष 2015 में डीटीसी व क्लस्टर बसों को महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए बस मार्शल योजना लाई थी. 2015 से 2023 तक ये बस मार्शल पूरी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे.