अपराधछत्तीसगढ

बलौदाबाजार: किन्नर हत्याकांड का खुलासा, मठ की गद्दी के लिए रची गई थी साजिश

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में किन्नर हत्याकांड का 48 घंटे के भीतर पुलिस ने पर्दाफाश किया है. बता दें कि ढाबाडीह गांव के बंद पडे़ पत्थर खदान में महिला की लाश मिली थी. शव के पास से डेढ़ लाख रुपए बरामद किया गया था. पुलिस घटना की जांच में जुटी थी. इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के कब्जे से साढ़े 10 लाख रुपए बरामद किया गया है. पुलिस के मुताबिक, किन्नर काजल किन्नर मठ का प्रमुख बनना चाहती थी. तपस्या के मठ प्रमुख बनने के रास्ते की सबसे बड़ी चुनौती काजल थी इसलिए मुख्य आरोपी तपस्या ने 12 लाख की सुपारी देकर काजल की हत्या करा दी। मामले का खुलासा करते हुए एसपी विजय अग्रवाल ने बताया, पुलिस को 18 नवंबर को ढाबाडीह के बंद पड़े खदान के पानी में एक महिला की लाश मिलने की सूचना मिली थी. पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और शव का खदान से बाहर निकाला. इस दौरान घटना स्थल से 500-500 की गड्‌डी में कुल डेढ़ लाख रुपए बरामद किया गया था. पुलिस शव की पहचान करने में जुटी रही. जांच में शव ग्राम जोरा, रायपुर निवासी किन्नर काजल का होना पाया गया, जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट तेलीबांधा थाने में दर्ज थी. इस हत्याकांड में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। एसपी अग्रवाल ने बताया, किन्नर मठ का प्रमुख बनने के लिए काजल को रास्ते से हटाने वारदात को अंजाम दिया गया है. इस हत्याकांड में बजरंग दल के कार्यकर्ता हिमांशु बंजारे भी शामिल है. हत्या में जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था उसमें हिमांशु भाई बजरंग दल लिखा हुआ है. किन्नरों के निवास भवन जोरा रायपुर में सभी किन्नर एक साथ रहते है, जिसमें आरोपी तपस्या किन्नर मुंबई से आकर रही है. काजल रायपुर की थी. हत्या की मुख्य आरोपी किन्नरों की प्रमुख बनना चाहती थी, इसके लिए उसके रास्ते की सबसे बड़ी चुनौती काजल थी. काजल को रास्ते से हटाने के लिए तपस्या ने हत्या की पूरी प्लानिंग की।मठ प्रमुख बनने की चाहत में आरोपी तपस्या ने निशा श्रीवास के साथ मिलकर काजल को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. सितंबर 2024 में गणेश उत्सव के दौरान काजल की हत्या करने की नीयत से तपस्या किन्नर ने पैसा इकट्ठा कर कुल 12 लाख रुपये निशा श्रीवास को दिया. योजना में निशा श्रीवास ने अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे से हत्या करने के लिए एक सुपारी किलर को 06 लाख रुपए नगद दिया, किंतु बाद में पता चला कि वह सुपारी किलर किसी अन्य मामले में जेल चला गया है. इसी बीच काजल की हत्या करने के लिए दो अन्य सुपारी किलर अंकुश एवं कुलदीप से सौदा किया गया. इसी बीच घटना दिनांक के 02 दिन पूर्व आरोपिया निशा श्रीवास अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे के साथ घटना स्थल ग्राम ढाबाडीह के पास पत्थर खदान को देखने भी आई. इसके बाद प्लानिंग के तहत काजल को मौत के घाट उतारा गया।

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