भीषण गर्मी में जानवरों को ‘ठंडी सांस’, कानन पेंडारी में कूलर-पंखों का सहारा

बिलासपुर
कानन पेंडारी जू में भीषण गर्मी का असर अब साफ तौर पर वन्य प्राणियों पर नजर आने लगा है। तापमान बढ़ते ही वन्य जीवों की परेशानी बढ़ गई है, जिसे देखते हुए जू प्रबंधन ने विशेष इंतजाम किए हैं। शेर, तेंदुआ जैसे मांसाहारी जानवरों के केज में कूलर और पंखे लगाए गए हैं, ताकि उन्हें ठंडी हवा मिल सके और शरीर का तापमान नियंत्रित रहे।
जू एसडीओ भोपाल सिंह राजपूत ने जानकारी दी कि, हर साल की तरह इस बार भी गर्मी से वन्य जीवों को राहत देने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। खासकर शेर और तेंदुए के लिए बड़े कूलर लगाए गए हैं। पक्षियों और छोटे जीव-जंतुओं के लिए खस की चटाइयां लगाई गई हैं, जिन्हें दिन में तीन से चार बार पानी से सींचा जाता है।
मांसाहारी प्राणियों के केज में सबसे ज्यादा पानी डाला जाता है। बाघ और तेंदुए के बाड़ों में पाइप के जरिए कई बार पानी डाला जा रहा है, ताकि वातावरण ठंडा बना रहे। वहीं, चीतल, नीलगाय जैसे शाकाहारी प्राणियों के बाड़ों में स्प्रिंकलर सिस्टम लगाया गया है, जिससे लगातार पानी का हल्का छिड़काव होता रहता है।
गर्मी से बचने के लिए जानवरों का व्यवहार भी बदल गया है। सांभर जैसे जानवर पेड़ों की छांव में पूरे दिन आराम करते हैं, जबकि भालू धूप तेज होते ही पेड़ पर चढ़ जाता है और शाम को ही नीचे आता है। अन्य जानवर भी दोपहर के समय छांव की तलाश में रहते हैं। जू प्रबंधन की ये कोशिशें सुनिश्चित करती हैं कि गर्मी के इस कठिन दौर में भी वन्य प्राणियों की सेहत पर कोई असर न पड़े।





