इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से बड़ा पार्टी संगठन का बयान दिए जाने पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। अधिवक्ता मंजेश कुमार यादव की ओर से दाखिल जनहित याचिका में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के बयान को संप्रभुता पर हमला बताया गया है।
याचिका पर बहस करते हुए अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, भारतीय संविधान के प्रावधानों के साथ सुप्रीम कोर्ट एसआर बोम्मई के मामले में दी गई विधि व्यवस्था का हवाला दिया। कहा कि कैबिनेट मंत्री द्वारा संविधान की शपथ लेने के बाद भारत की संप्रभुता की रक्षा का उसका दायित्व है। संवैधानिक पद धारण करने वाले उप मुख्यमंत्री ने सरकार से बड़ा पार्टी संगठन को बताया। उनके इस बयान का न तो भाजपा ने खंडन किया, और न ही सरकार की ओर से कोई स्पष्टीकरण दिया गया।