छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण रोकने के लिए बनेगा नया कानून

छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही राज्य में धर्मांतरण को रोकने के लिए एक नया और सख्त कानून लाने की तैयारी कर रही है। यह घोषणा राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण काल के दौरान की। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर द्वारा उठाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए गृह मंत्री ने यह बात कही।
नया कानून होगा पहले से ज्यादा सख्त
गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 लागू है। हालांकि, अब राज्य सरकार नए प्रावधानों के साथ एक सख्त और प्रभावी कानून की जरूरत महसूस कर रही है। सरकार का कहना है कि देशभर में सबसे प्रभावी प्रावधानों के साथ यह नया कानून बनाया जाएगा ताकि धर्मांतरण गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जा सके।
विदेशी फंडिंग पर भी रहेगी नजर
गृह मंत्री ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में कुल 153 संस्थाएं विदेशी फंडिंग पर चल रही हैं, जिन्हें राज्य से भी 200 से 300 करोड़ रुपये का फंड प्राप्त होता है। सरकार अब इन सभी संस्थाओं पर कड़ी निगरानी रखने की योजना बना रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी संस्था इस फंड का गलत उपयोग धर्मांतरण के लिए न कर सके।
विधायकों ने उठाई धर्मांतरण की समस्या
सदन में भाजपा के कई विधायकों ने धर्मांतरण की समस्या पर चिंता जताई। विधायक रायमुनी भगत ने बताया कि उनके क्षेत्र में 80 साल की एक वृद्ध महिला अब भी इस इंतजार में हैं कि उनके बेटे का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हो, लेकिन गांव में ईसाई बाहुल्य होने के कारण अंतिम संस्कार ईसाई परंपरा से कर दिया गया।
विधायक नीलकंठ टेकाम ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में हर रविवार को लगभग 70% लोग प्रार्थना सभा के नाम पर बाहर निकलते हैं, जिससे धर्मांतरण का खतरा बढ़ता जा रहा है। वहीं, विधायक राजेश मूणत ने सवाल उठाया कि बिना पुलिस को सूचना दिए चंगाई सभाएं कैसे हो रही हैं और क्या थानों में इसकी अलग से जांच की कोई व्यवस्था है?
सरकार की सख्त नीति का संकेत
गृह मंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि सरकार अब धर्मांतरण गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाने के लिए तैयार है। जल्द ही इस नए कानून का प्रारूप तैयार किया जाएगा और इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी। सरकार की इस पहल से राज्य में धर्मांतरण गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद की जा रही है।





