आयुष्मान योजना इंश्योरेंस मोड पर चलाने को लेकर जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है..
रायपुर। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में आयुष्मान योजना ट्रस्ट मोड पर संचालित हो रही है। इसे इंश्योरेंस मोड पर चलाने को लेकर जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि चिकित्सकों और विभाग के बीच व्यापक सहमति के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। आयुष्मान भारत योजना को इंश्योरेंस व ट्रस्ट मोड में चलाने को लेकर चिकित्सकों और स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल के बीच निवास कार्यालय में चर्चा हुई।
बैठक में विशेष सचिव चंदन कुमार, संचालक, महामारी डा. सुरेन्द्र पामभोई, चिकित्सा शिक्षा के डिप्टी डायरेक्टर डा. प्रतीक प्रधान आदि मौजूद थे। बताते चलें कि सितंबर-2019 में आयुष्मान भारत योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) के तहत अनुबंधित बीमा कंपनी से अनुबंध समाप्त होने के बाद कांग्रेस सरकार ने ट्रस्ट मोड पर चलाने का निर्णय लिया था।
एमबीबीस छात्रों को मिलेगा तीन वर्षों का सवैतनिक अध्ययन अवकाश
चर्चा के दौरान एमबीबीएस और स्नात्कोत्तर के छात्रों के बॉन्ड को समाप्त करने की मांग उठी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले छात्रों को बान्ड से मुक्त करने की दिशा में विचार किया जाएगा। उन्होंने रूरल बॉन्ड की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के भी निर्देश दिए, ताकि छात्रों का समय खराब न हो।
स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वस्त किया कि शासकीय सेवा के दौरान स्नात्कोत्तर की पढ़ाई करने वाले डाक्टरों को अब तीन वर्षों का सवैतनिक अध्ययन अवकाश मिलेगा। पूर्ववर्ती सरकार ने इसे घटाकर दो वर्ष कर दिया था।
नर्सिंग होम एक्ट में मिलेगी छूट
बैठक में नर्सिंग होम एक्ट के तहत 30 बिस्तरों के अस्पताल को छूट देने की मांग पर भी चर्चा हुई। स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए शीघ्र ही आदेश जारी करने को लेकर आश्वस्त किया। उन्होंने पर्यावरण, फायर फाइटिंग आदि के लिए सिंगल विंडो की प्रक्रिया शुरू करने की भी बात कही।
पीएनडीटी एक्ट, छात्रावास संबंधी समस्या, चिकित्सक प्रोटेक्शन एक्ट, संविदा चिकित्सकों के नियमितीकरण, राज्य चिकित्सा प्रशासनिक सेवा प्राधिकरण के गठन, बॉयोमेडिकल वेस्ट प्लांट को लेकर भी स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल के साथ चर्चा हुई। सभी विषयों पर स्वास्थ्य मंत्री ने सहमति बनाते हुए सुधार या किसी निर्णय पर पहुंचने का आश्वासन दिया।