शाही सवारी में गूंजी भक्तों की करुण पुकार, भक्तों ने किए बाबा महाकाल के सात स्वरूपों के दर्शन
महाकालेश्वर भगवान की श्रावण-भाद्रपद महीने में निकलने वाली सवारी के क्रम में 7वें सोमवार को सभा मंडप में हुए पूजा दर्शन के बाद बाबा महाकाल की सवारी नगर भ्रमण पर निकली। महाकाल की सवारी में शामिल होने सिंधिया राजवंश के प्रमुख केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उज्जैन पहुंचे। सैंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनका स्वागत किया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि भाद्रपद महीने की दूसरी और अंतिम सवारी दो सितंबर को (प्रमुख) शाही सवारी के रूप में निकलेगी। इस दौरान रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा स्वरुप व सप्तम सवारी में श्री सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित रहा।
भगवान श्री महाकालेश्वर की शाही सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा द्वारा करवाया गया। इस दौरान प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, संभाग आयुक्त संजय गुप्ता, आईजी संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, निगम आयुक्त आशीष पाठक बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया। उसके बाद बाबा महाकाल के साथ स्वरूप रजत पालकी में विराजित होकर अपनी प्रजा के हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकले।
मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दिया गया। श्री चन्द्रमौलेश्वर की पालकी अपने निर्धारित समय से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार चौराहा, कहारवाड़ी, हरसिद्धीपाल से रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर एवं गजराज पर आरूढ़ श्री मनमहेश के मां क्षिप्रा के तट पर पूजन-अर्चन व आरती की जाएगी।