बलौदाबाजार में ‘नई दिशा’ अभियान से 115 युवाओं ने छोड़ा नशा, अब जी रहे हैं सामान्य जीवन

बलौदाबाजार। जिले में नशा करने वाले युवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए कलेक्टर दीपक सोनी की पहल पर 1 अगस्त 2024 से ‘नई दिशा’ अभियान शुरू किया गया था। अब इस अभियान को एक साल पूरा हो गया है और इसके अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं।
इस दौरान नशामुक्ति केंद्र में अब तक 126 लोगों ने पंजीयन कराया है, जिनमें से 115 लोग पूरी तरह नशा छोड़कर सामान्य जीवन जी रहे हैं। फिलहाल 11 लोग नशामुक्ति केंद्र में भर्ती हैं।
यह केंद्र एक बार में 15 लोगों को इलाज की सुविधा देता है। यहां रहने वालों को तय दिनचर्या के साथ दवाइयां, खाना, काउंसलिंग, योग, व्यायाम और मनोरंजन की सुविधाएं मिलती हैं। मनोरंजन के लिए केरम, शतरंज, लूडो, टीवी और माइक भी उपलब्ध हैं।
केंद्र में काम करने वाले डॉक्टर, नर्स, मनोवैज्ञानिक, योग शिक्षक और पियर एजुकेटर लगातार मरीजों की मदद करते हैं। नशा छोड़ने के बाद युवाओं को समाज में फिर से आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें इलेक्ट्रिशियन, स्लीपर बनाना और धूपबत्ती बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
पहले जिले में ऐसी कोई स्थायी सुविधा नहीं थी, जिससे परिजनों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता था। अब बलौदाबाजार में ही सुविधा मिलने से लोगों को काफी राहत मिली है। मरीजों को उनके परिवारजन, सरपंच, पुलिस, चाइल्ड लाइन या आम लोग केंद्र तक पहुंचाते हैं।
कर्मचारियों को भी करना पड़ता है संघर्ष
कभी-कभी नशे के आदी लोग इलाज के दौरान गुस्से में कर्मचारियों पर हमला कर देते हैं या दवाइयां लेने से मना करते हैं। इंजेक्शन देना भी कई बार चुनौती बन जाता है।
भारत माता वाहिनी का योगदान
‘भारत माता वाहिनी’ की महिला स्वयंसेवक भी इस अभियान में मदद कर रही हैं। वे अपने गांवों में नशे के नुकसान की जानकारी देती हैं, दीवार लेखन और पोस्टरों के माध्यम से जागरूकता फैलाती हैं। अभी जिले में 128 ऐसे महिला समूह सक्रिय हैं।
यह अभियान नशा मुक्त समाज की दिशा में एक सफल और सकारात्मक कदम साबित हो रहा है।





