अब पूरे देश में होगा मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

रायपुर/दिल्ली। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब बिहार की तर्ज पर पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इस फैसले का मकसद है कि वोटर लिस्ट से फर्जी नाम हटें, और सही लोगों के नाम जोड़े जाएं, ताकि चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हो सकें।
बिहार बना मॉडल
बता दें कि बिहार में यह प्रक्रिया अपने आखिरी चरण में है। वहां अब तक 99% वोटरों की जांच की जा चुकी है, और प्रारूप मतदाता सूची (ड्राफ्ट वोटर लिस्ट) तैयार की जा रही है।
1 सितंबर तक कर सकते हैं दावा या आपत्ति
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि 1 सितंबर तक कोई भी वोटर या राजनीतिक दल वोटर लिस्ट से नाम हटने या गलत नाम जुड़ने पर दावा या आपत्ति दर्ज करा सकता है।
क्यों जरूरी है ये प्रक्रिया?
यह गहन जांच इसलिए जरूरी मानी जा रही है ताकि देश की वोटर लिस्ट पूरी तरह सही हो और फर्जी वोटिंग जैसी समस्याओं से बचा जा सके। चुनाव आयोग का मानना है कि यह उनके संवैधानिक दायित्व का एक जरूरी हिस्सा है।




