DEO ने लिया यू टर्न: शिक्षकों के तीखे विरोध के बाद डीईओ ने फरमान लिया वापस, शिक्षकों पर प्रतिबंध वाला संशोधित आदेश जारी
रायगढ़ ।…आखिरकार DEO को अपना आदेश वापस लेना पड़ गया। 24 अगस्त को जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ के आदेश ने शिक्षक बिरादरी में खलबली मचा दी थी। दरअसल रायगढ़ डीईओ ने कलेक्टर की नाराजगी और समीक्षा बैठक में दिये निर्देश को आधार बनाकर शिक्षकों के लिए आदेश जारी कर दिया था कि, कोई शिक्षक अगर सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक रैली प्रदर्शन में शामिल होता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। संयुक्त शिक्षक संघ के उप प्रांताध्यक्ष गिरिजा शंकर शुक्ला ने इसका तीखा विरोध किया था। उन्होंने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए तुरंत आदेश को वापस लेने की मांग की थी। जिसके बाद डीईओ ने संशोधित आदेश जारी किया है।
पिछले आदेश में क्या कहा था DEO ने
जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से कड़ा पत्र सभी बीईओ, प्राचार्य, प्रधान पाठकों को जारी किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ ने जारी पत्र में कहा है कि इन दिनों शिक्षकों की सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक रैली प्रदर्शन में सहभागिता ज्यादा देखी जा रही है।शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वो ऐसी गतिविधियों से दूर रहे। डीईओ ने कहा है कि कई प्रकरण ऐसे भी आये हैं, जहां शिक्षकों की तरफ से रैली प्रदर्शन के दौरान उपद्रव के लिए उकसाया गया है। शिक्षकों की ऐसी गतिविधियों से उच्चाधिकारियों ने तीखी नाराजगी जाहिर की है। पिछले दिनों कलेक्टर ने एसडीएम की समीक्षा बैठक में भी इसे लेकर कड़े निर्देश दिये थे।डीईओ ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि ऐसे आयोजनों और प्रदर्शनों से शिक्षक दूर रहे। अगर ऐसे कार्यों में संलिप्तता पायी जाती है, तो शिक्षक व कर्मचारियों के साथ-साथ संस्था प्रमुख के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी।
संशोधित आदेश में डीईओ ने लिखा है…
सन्दर्भित पत्र में आशिक संधोधन करते हुए केवल शिक्षकों/कर्मचारियों की राजनैतिक, गतिविधियों के रैली प्रदर्शन आदि में सहभागिता देखी जा राही है। साथ ही आम नागरिकों को उकसाने के भी कार्य में सम्मिलित हो रहे है। जो कि अन्यन्त खेदजनक है। उपरोक्त संबंध में उच्चाधिकारियों द्वारा कड़ी नाराजगी जाहिर की गई अतः उक्त के संबंध में निर्देशित किया जाता है, कि राजनैतिक गतिविधियों में शिक्षक एवं कर्मचारी सम्मिलित न होवे अगर ऐसा पाया जाता है, तो संबंधित शिक्षक / कर्मचारी एवं उनके संस्था प्रमुख के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु अग्रसर हुआ जावेगा। इस निदेश का कड़ाई से बोलन किया जाना सुनिश्चित करें। उपरोक्त के संबंध में किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति हेतु स्वयं एवं उनके संस्था प्रमुख जिम्मेदार हंगे।