लेबरों की कमी कारण राम मंदिर निर्माण में हो रही देरी, जून 2025 तक भी पूरा नहीं होने की उम्मीद
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण कार्य में हो रहे देरी को लेकर अब मंदिर निर्माण समिति अलर्ट हो गई है. निर्माण समिति की बैठक में अयोध्या पहुंचे अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने वर्करों की संख्या को बढ़ाने का निर्देश दिया है. जल्दी राजस्थान से बड़ी संख्या में वर्करों की फौज अयोध्या पहुंचेगी. मंदिर का निर्माण कर रहे एलएंडटी ने वर्करों की संख्या को बढ़ाने के लिए एक दर्जन से अधिक ठेकेदारों से संपर्क कर रही है.
मंदिर निर्माण के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने दूसरे दिन की बैठक से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अधिकतर पत्थरों से संबंधित कार्य करने वाले लेबर राजस्थान में मिलते हैं. इसलिए वहां के लेबर कांट्रेक्टरों से संपर्क किया जा रहा है. राजस्थान से अयोध्या की दूरी अधिक होने के कारण समस्या उत्पन्न हो रही है. लेकिन हम प्रयास करेंगे कि वहां से आये लेबरों को भी घर जैसा माहौल यहां मिले. उन्होंने कहा कि सप्त मंदिर की प्रगति अच्छी है, जो मूर्तियां लगनी है वह अक्टूबर तक आ जाएगी.
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि जो भी मंदिर के कार्य होते जा रहे हैं, हम उसे ट्रस्ट को हैंडोवर करते जा रहे हैं. पूरे हुए कार्य की सभी जिम्मेदारी अब ट्रस्ट की होगी. सब स्टेशन, एसटीपी सभी ट्रस्ट को हैंडओवर कर दिया जाएगा. कुबेर टीला भी लगभग 1 माह में पूरा हो जाएगा. अभी छोटी-मोटी चीज बची हैय शिव मंदिर में थोड़ा कार्य और किया जाना बाकी है. वह भी जल्दी से पूरा कर ट्रस्ट को हैंडओवर कर दिया जाएगा.
मंदिर निर्माण को 2024 तक पूर्ण करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने यह टारगेट मानसिक रूप से लिया है कि हमें इस तय सीमा में कार्य को पूरा करना है. परंतु अब यह जून 2025 तक पूरा होगा या एक दो महीने और बढ़ सकते हैं. क्योंकि मौसम भी अनुकूल नहीं है. अप्रैल से जून तक गर्मी हुई और अब बरसात है. इसके साथ-साथ त्योहार का सीजन है. जिसमें लेबर अपने घरों को जाएंगे, जो हमारे लिए चुनौती पूर्ण है. लेकिन तय सीमा में यह कार्य पूरा हो जाएगा.
मंदिर परिसर के बाहर बनने वाले चार गेट को लेकर उन्होंने कहा कि एक गेट पर यदि कार्य होगा तो दूसरे गेट से श्रद्धालु और जो निर्माण के लिए वाहन आएंगे. जिसका टेंडर राजकीय निर्माण निगम से जारी हो गया है. इसके साथ-साथ ऑडिटोरियम और संग्रहालय उसका भी टेंडर जारी हो चुका हैय राजकीय निर्माण निगम को जो लक्ष्य दिया गया है, उसके हिसाब से वह कार्य कर रहा है.