बलरामपुर के चंपापुर गांव में नहीं मिल रहा पीडीएस का राशन, दुकान संचालक पर लगे गंभीर आरोप
बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक ग्राम पंचायत चंपापुर है. इस गांव के लोगों का आरोप है कि बीते तीन चार महीनों से उन्हें शासकीय राशन दुकान से चावल, चना और शक्कर नियमित नहीं मिल रहा है. ग्रामीण कहते हैं कि कभी कभार आधा अधूरा राशन मिलता है. राशन ठीक से नहीं बांटने की वजह से भूखे रहने की नौबत आ चुकी है.
राशन वितरण नहीं होने से परेशान ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट: राशन नहीं मिलने की शिकायत लेकर ग्रामीण आज बलराम कलेक्ट्रेट पहुंचे. उप सरपंच के पति सत्यनारायण यादव का कहना है कि ”हमारे गांव में राशन वितरण में बीते पांच छह महीने से गड़बड़ी चल रही है. पब्लिक को सरकारी राशन का चावल नहीं मिल रहा है.”
राशन दुकान संचालक पर गंभीर आरोप: सत्यनारायण का यह भी आरोप है कि ”राशन दुकान का संचालक ग्रामीणों से अंगूठा लगवाकर अपना वितरण दिखा देता है लेकिन चावल नहीं देता है. किसी ग्रामीण के पास खाने के लिए चावल नहीं रहता है तो राशन दुकान संचालक को फोन करने पर वह फोन नहीं उठाता है.”
”कुछ महीने से चना शक्कर भी नहीं दिया गया है. इस महीने का चावल अब तक नहीं दिया गया है. हम कलेक्टर को ज्ञापन देने आए हैं.”पीडीएस चावल चना और शक्कर नहीं बांटने का आरोप: चंपापुर गांव से कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची महिला शांति हड्डे का कहना है कि ”सरकारी राशन का चावल तीन महीने से नहीं मिला. राशन संचालक से पूछने पर वह कहता है कि राशन नहीं आया है. वह आधा अधूरा ही चावल देता है.”
”जून महीने का चावल भी मुझे नहीं मिला था. अब राशन संचालक कहता है कि सिर्फ अगस्त का राशन मिलेगा. इसलिए हम लोग कलेक्टर साहब से शिकायत करने पहुंचे हैं.”: शांति हड्डे, ग्रामीण महिला
अधिकारी ने दिया आश्वासन: ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर राशन दुकान संचालक पर कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में बलरामपुर एसडीएम अमित श्रीवास्तव का कहना है कि ग्रामीण बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे थे. उन्होंने सरकारी पीडीएस राशन नहीं मिलने की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा है.
”हम मामले की जांच कराएंगे. अगर अनियमितता पाई जाती है तो राशन दुकान संचालक पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे.”: अमित श्रीवास्तव,एसडीएम,बलरामपुर
राशन संचालक पर गंभीर आरोप लगने के बाद जिला प्रशासन जांच और कार्रवाई की बात कह रहा है. अब देखना होगा कि इस केस में प्रशासन क्या एक्शन लेता है.