गोवर्धन पर्वत पर दूध और फूलों के हार चढ़ा गूंजी भक्तों की जय-जयकार
कार्तिक मास के त्योहारों की इस श्रृंखला में द्वारका दिल्ली श्री श्रीरुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर में शनिवार की दोपहर को विशाल गोवर्धन पूजा महामहोत्सव मनाया गया।
गिरीराज जी महाराज को 1008 व्यंजनों का भोग लगाया गया। भक्तों ने 12 फीट ऊँचे गोवर्धन पर्वत के ऊपर दूध की धार से अभिषेक किया और फूलों के हार चढ़ा कर उनकी जय-जयकार की।
जो लोग किसी कारणवश कार्तिक मास में वृंदावन की यात्रा पर नहीं जा पाए, उन्होंने इस्कॉन द्वारका के इस गोवर्धन पूजा महामहोत्सव में गिरीराज की परिक्रमा कर उसका लाभ लिया।
चावल और हलवे के साथ-साथ कढ़ी-चावल, खीर, रसगुल्ला, गुलाबजामुन, जलेबी, रबड़ी, जीरा-लड्डू, पेड़ा, मालपुआ, बरफी आदि अनेक व्यंजनों का भोग लगाकर गिरीराज जी महाराज की कृपा प्राप्त की।
प्रातः 8 बजे श्रीमद्भागवत कथा में प्रसिद्ध कथावाचक प्रशांत मुकुंद दास ने गोवर्धन पूजा की महिमा के बारे में विस्तार से बताया। उसके बाद विधि-विधान से गोपूजा की गई।
शास्त्रों में गोवर्धन पूजा के दिन गोपूजा का विशेष महत्व बताया गया है। पूरे दिन इस महामहोत्सव में हजारों की संख्या में भक्तों ने भाग लिया। उनके लिए दिनभर प्रसादम की व्यवस्था की गई।
त्योहारों की अगली कड़ी में रविवार को भाई दूज के उत्सव के लिए भी सभी तैयार हैं। इस दिन आप अपने भाइयों को तिलक करने के साथ-साथ श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश, बलराम जी और सुभद्रा मैया के दर्शन कर उनको पुष्प अर्पित कर, विशेष आरती कर उनका आशीर्वाद ले सकते हैं।
उनकी इस अद्भुत छवि को देखने से सारे संकटों का क्षण भर में निवारण हो जाता है। इसी भावना के साथ आप मंदिर में आएँ, भगवान के दर्शन करें। यह जानकारी पत्रकार एवं लेखक प्रेरणा कुमारी ने दी है।