छत्तीसगढ

अधिकारियो की लापरवाही के कारण छत्‍तीसगढ़ के CM विष्‍णुदेव साय का कठोर प्रहार..

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की छवि हंसमुख स्वभाव, सहज, सरल और शांत नेता के रुप में हैं। शायद ही ऐसा कोई मौका होगा जब उन्हें किसी ने गुस्से में देखा हो। उनका अपना सरल स्वभाव आम लोगों के बीच भी चर्चा का विषय रहता है। इस बीच काम के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर वह उतने ही कठाेर साबित हो रहे हैं। राज्य में लापरवाही करने एसपी-कलेक्टरों के जोड़े को एक साथ हटाया जा रहा है।

कलेक्टर-एसपी बदलने की पहली कार्रवाई बलौदाबाजार हिंसा के बाद हुई थीं। इसके बाद सितंबर में कबीरधाम की हिंसात्मक घटना के बाद कलेक्टर और एसपी को बदलने की कार्रवाई हुई थी। दो दिन पहले सूरजपुर में प्रधान आरक्षक की पत्नी-पुत्री के हत्याकांड के बाद राज्य सरकार ने सूरजपुर के कलेक्टर रोहित व्यास और एसपी एसपी एमआर आहिरे को हटा दिया गया है।

सूरजपुर में एस.जयवर्धन को नया कलेक्टर और प्रशांत कुमार ठाकुर को नया एसपी बनाया गया है। सूरजपुर में भी दोहरे हत्याकांड के बाद एसपी-कलेक्टर हटाने के बाद इन कार्रवाईयों ने इस बात के संकेत दे दिया है कि लापरवाही बरतने पर किसी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपने नौ महीने के कार्यकाल में साय ने आइएएस-आइपीएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर निलंबन की भी कार्रवाई की है।

मई में ही चेता दिए थे सीएम साय

अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री भले ही शांत हैं मगर वह गंभीर स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं। मई 2024 में मुख्यमंत्री निवास में भाजपा मीडिया विभाग की ओर से आयोजित विशेष कार्यक्रम में सीएम साय ने खुद एक किस्सा सुनाया था जिसमें उनके गुस्से को भांपा जा सकता था है। उन्होंने बताया था कि जनता की समस्या का निवारण नहीं होने पर वो क्रोधित हो जाते हैं। एक जिले में बिजली समस्या ठीक न होने पर उन्होंने सभी अधिकारियों को निलंबित करने की चेतावनी दी थी।

इसके पहले कलेक्टर-एपी कांफ्रेस में मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजन कम होने पर बस्तर कलेक्टर पर नाराजगी जताई थी। बाद में उन्हें हटा दिया गया। गोरेला पेंड्रा मरवाही की कलेक्टर रही प्रियंका ऋषि महोबिया नायब तहसीलदार रमेश कुमार के साथ हुए विवाद के बाद हटाया गया था।

बलौदाबाजार हिंसाकांड: एसपी-कलेक्टर हुए थे निलंबित

बलौदाबाजार में एसपी-कलेक्टर कार्यालय के जलाने की आगजनी और हिंसा मामले में राज्य सरकार ने पहले कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को हटाया इसके बाद दोनों को निलंबित भी कर दिया गया। यह घटना जून में हुई थी। बलौदाबाजार हिंसा कांड में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव सहित 185 आरोपितों को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।

कलेक्टर-एसपी को हटाया, एएसपी निलंबित

सितंबर में कवर्धा के लोहारीडीह हिंसा मामले में मुख्यमंत्री साय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कलेक्टर-एसपी को हटा दिया था। कवर्धा के कलेक्टर जन्मेजय महोबे के स्थान पर गोपाल वर्मा को कलेक्टर नियुक्त किया गया था। इसी तरह पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव को हटाकर उनके स्थान पर राजेश कुमार अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक पदस्थ किया गया था। इतना ही नहीं, यहां के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ आइपीएस विकास कुमार को निलंबित किया गया था।

एसपी-कलेक्टर कांफ्रेंस के बाद हटे अफसर

सीएम साय ने राजधानी में एसपी-कलेक्टर कांफ्रेंस की थी। इसके दो दिन बाद 15 सितंबर 2024 को बस्तर के कलेक्टर विजय दयाराम को हटाकर उन्हें राज्य कौशल अभिकरण भेज दिया गया था। यह कार्रवाई काम में लापरवाही करने पर हुई थी। उनकी जगह पर सुकमा के कलेक्टर और 2015 बैच के आईएएस हरीश एस को बस्तर का कलेक्टर बनाया गया था। इसी दिन मुंगेली के एसपी गिरिजा शंकर जायसवाल को हटाकर उनकी जगह भोजराज पटेल को मुंगेली के नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया था।

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