दिवाली वाले दिन केसर चंदन का उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान करेंगे भगवान महाकाल, अन्नकूट के महाभोग के बाद होगी फुलझड़ी से आरती
उज्जैन । ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में दीपोत्सव की तैयारी शुरू हो गई है। ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा अनुसार 31 अक्टूबर को तड़के 4 बजे भस्म आरती में दीपावली मनाई जाएगी। उत्सव की शुरुआत 29 अक्टूबर को धनत्रयोदशी के दिन से होगी। समापन 2 नवंबर को चिंतामन स्थित गोशाला में गोवर्धन पूजा के साथ होगा।
पं.महेश पुजारी ने बताया ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर दीपावली मनाई जाती है। इस बार 31 अक्टूबर को परंपरा अनुसार तड़के 4 बजे भस्म आरती में दीपावली मनाई जाएगी।
भगवान महाकाल को केसर चंदन का उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान कराया जाएगा। इसके बाद नवीन वस्त्र व सोने चांदी के आभूषण धारण कराकर विशेष श्रृंगार होगा। पश्चात भगवान को अन्नकूट का महाभोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी। तड़के 4 बजे से सुबह 7 बजे तक अन्नकूट के दर्शन होंगे।
धनतेरस पर पुरोहित करेंगे पूजा
- 29 अक्टूबर को धनत्रयोदशी के दिन मंदिर के पुरोहित परिवार द्वारा सुख,समृद्धि व खुशहाली के लिए पूजा अर्चना की जाएगी।
- पुरोहित पं.नीरज शर्मा ने बताया महाकालेश्वर मंदिर पुरोहित समिति द्वारा प्रतिवर्ष देश, प्रदेश व नगर में खुशहाली की कामना के साथ भगवान महाकाल की महापूजा की जाती है।
- देश में सुख समृद्धि के लिए भगवान को चांदी का सिक्का भेंट किया जाता है। इस बार भी संभागायुक्त, कलेक्टर, प्रशासक के आतिथ्य में पूजन होगा।
2 नवंबर को गोवर्धन पूजा
महाकाल मंदिर समिति द्वारा गोशाला का प्रकल्प शुरू करने के बाद से दीपावली के अगले दिन पड़वा पर गोवंश व गोवर्धन पूजा की जाती है। इस बार 2 नवंबर को चिंतामन स्थित गोशाला में सुबह मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल आदि अधिकारियों द्वारा गोमाता व गोवर्धन का पूजन किया जाएगा।