भाजपा मोदी की गारंटी और कांग्रेस की बिगड़ी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर लड़ेगी उपचुनाव..
रायपुर। छत्तीसगढ़ में रायपुर-दक्षिण विधानसभा में उपचुनाव का बिगुल बज चुका है और राजनीतिक दलों की धड़कनें भी तेज हो गई है। ऐसे में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने चुनाव के लिए अपनी रणनीति तय कर ली है। भाजपा रायपुर दक्षिण के उपचुमान में भी मोदी की गारंटी से ही चुनाव लड़ेगी। वहीं कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वह उपचुनाव प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था व राज्य शासन की नाकामियों को लेकर लड़ेगी।
इस बात की चर्चा जोरों पर है कि भाजपा के दिल्ली मुख्यालय में प्रदेश से जो तीन नाम भेजे गए है। उनमें जातिगत समीकरण को लेकर पार्टी का मंथन चल रहा है और प्रत्याशी की घोषणा कभी भी हो सकती है। इस बार रायपुर दक्षिण के चुनाव में खास बात यह रही है कि पार्टी के नेताओं के साथ ही साहू समाज, कुर्मी समाज और ब्राम्हण समाज ने भी अपने-अपने समाज के लोगों को मौका देने की मांग की है। इन समाजों की यह मांग भाजपा व कांग्रेस दोनों से ही है।
इन्हें भुनाएगी भाजपा
रायपुर दक्षिण के इस दंगल में भाजपा प्रमुख रूप से शहरी क्षेत्र में दो मुद्दों को भुनाने की कोशिश करेगी। इसमें प्रमुख रूप से महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को एक हजार रुपये देने का मामला हो या फिर प्रधानमंत्री आवास योजना का मामला हो। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि डबल इंजन की सरकार में विकास होगा और रायपुर-दक्षिण में नौवीं बार कमल खिलेगा।
विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती
कांग्रेस के लिए रायपुर दक्षिण विधानसभा की सीट एक बड़ी चुनौती है। पार्टी के नेता व रणनीतिकारों का भी कहना है कि उपचुनाव में उन्हें सीधे सरकार से ही जूझना होगा।
भाजपा ने भेजे तीन नामों के पैनल तो कांग्रेस में चल रहा मंथन
भाजपा ने दिल्ली मुख्यालय में रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के लिए तीन नामों का पैनल भेजा है। भाजपा ने आंतरिक सर्वे के दौरान छह नाम फाइनल किए थे, इनमें से तीन नामों को फाइनल कर भेजा गया है। वहीं कांग्रेस पार्टी अभी मंथन कर रही है कि कौन सा प्रत्याशी जिताऊ हो सकता है।
10 माह में विकास की बढ़ी रफ्तार
भाजपा प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि रायपुर दक्षिण उपचुनाव में भी भाजपा रिकार्ड मतों से जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि बीते दस महीने में प्रदेश में विकास की रफ्तार काफी बढ़ गई है।