पंचमी की तिथी से मड़वारानी मंदिर में शुरु होता है नवरात्र का पर्व
कोरबा : कोरबा चांपा मार्ग पर पहाड़ों के उपर विराजी मां मड़वारानी के मंदिर में नवरात्र का पर्व अलग की तरीके से मनाया जाता है। सभी शक्तिस्थलों में 3 अक्टूबर से क्वांर नवरात्र का पर्व मनाया जा रहा है लेकिन मड़वारानी इस मंदिर में पंचमी तिथी से नवरात्र की शुरुआत होती है। इस प्राचीन मंदिर को लेकर कई तरह की किवदंतिया है। सोमवार से मां के मंदिर में सर्व मनोकामना दीप प्रज्जवलित हो जाएंगे।
कोरबा जिले में वैसे तो कई स्थल है,जिस पर भक्तों की अगाध श्रद्धा है,जहां साल के दोनों नवरात्र मां की पूरे विधी विधान से पूजा पाठ की जाती है। नवरात्र के पहले दिन से ही मां की पूजा पाठ शुरु हो जाती है। लेकिन कोरबा-चांपा मार्ग पर पहाड़ों के उपर विराजी मां मड़वारानी मंदिर में अलग ही तरीके से नवरात्र का पर्व मनाया जाता है। नवरात्र के पंचमी से यहां नवरात्री की शुरुआत होती है,िजसकी तैयारियां मंदिर प्रबंधन द्वारा काफी पहले से शुरु कर दी जाती है। भक्तों का यहां सैलाब उमड़ता है। दूर दूर से माता के दर्शन हेतु श्रद्धालु यहां आते है। भक्त यहां अपनी मनोकामना के लिए ज्योत कलश भी प्रज्जवलित करवाते है।
बताया जा रहा है कि हजारों की संख्या में लोग यहां दूर-दूर से ज्योत जलवाते हैं। इस वर्ष भी कोरबा जिले के अलावा आसपास के कई जिलों के लोग दीप प्रचलित कर पूजा करने नवरात्र के पहले दिन पहुंच रहे हैं।
मड़वारानी मंदिर के बैगा सुरेंद्र कंवर ने बताया कि जिले में मां मड़वारानी का प्राचीन देवी मंदिर है इसकी स्थापना पर लेकर कोई उल्लेख इतिहास के पन्नों में नहीं मिलता यहां के मूल निवासियों के लिए कई पीढियां यह मंदिर श्रद्धा व आस्था का प्रतीक है इस मंदिर में नवरात्र बनाने की अपनी अलग ही परंपरा चली आ रही है पहाड़ी की चोटी पर देवी मां एक है लेकिन वहां मंदिर दो है। एक पहाड़ के ऊपर और एक पहाड़ के नीचे दोनों ही एक ही रूप है।