मध्यप्रदेश

अतिथि शिक्षकों पर शिक्षा मंत्री के बेतुके बोल- मेहमान बनकर आए, घर पर कब्जा कर लोगे क्या.. जीतू पटवारी ने कहा- माफी मांगें

भोपाल। मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षक लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। इसी बीच अतिथि शिक्षकों को लेकर बुधवार को प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने इस मुद्दे पर एक ऐसा बयान दिया, जिस पर बवाल उठ गया है। उन्होंने अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण पर दोटूक लहजे में इंकार करते हुए कहा कि नियमितीकरण क्यों होगा? अतिथि शिक्षकों का नाम क्या है ‘अतिथि’। आप हमारे मेहमान बनकर आओगे तो घर पर कब्जा करोगे क्या?

उनके इस बयान पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने स्कूल शिक्षा मंत्री की आलोचना करते हुए उनसे माफी की मांग की है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अतिथि शिक्षकों से किया गया वादा भी याद दिलाया और कहा कि भाजपा सरकार अतिथि शिक्षकों से छल कर रही है।

जानिए क्या कहा स्कूल शिक्षा मंत्री ने

स्कूल शिक्षा मंत्री बुधवार सुबह पत्रकारों से बात कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के बारे में पूछे जाने पर कहा- जहां गैप है…शिक्षक कम हैं…वहां उनको लगाया जाता है। हमारी कोशिश यही है कि कोई अतिथि शिक्षक लगता है तो पूरे एकेडमिक सेशन में काम कराया जाए। उनके हितों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जब विभाग ये मानता है कि अतिथि शिक्षक महत्वपूर्ण हैं तो उनको चिंता नहीं करना चाहिए।

सैलरी देने का संकट

शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि गत वर्ष 68 हजार शिक्षक थे, लेकिन इस बार कम हो गए। युक्ति-युक्तिकरण और अतिशेष शिक्षकों से काफी हद तक शिक्षकों की कमी की पूरी हुई है। जहां नियमित शिक्षक हैं तो फिर अतिथि शिक्षक क्यों भर्ती करेंगे? भर्ती कर भी लेंगे तो सैलरी कहां से देंगे? सरकार और विभाग को चलाने में वित्तीय प्रबंधन और न्यायसंगत चीजों का समायोजन करना पड़ता है।

पटवारी ने की माफी की मांग

स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान से कांग्रेस को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने स्कूल शिक्षा मंत्री के इस बयान की आलोचना करते हुए कहा- कब्जा क्या होता है? आप व्यवस्था के अंतर्गत अतिथि शिक्षकों को रखते हैं। वे सेवाएं देते हैं। आप सेवाएं लेना चाहते हैं और बाद में अपमानित करना चाहते हैं। वो भी मंत्री यानी सरकार का एक नुमाइंदा। एक मंत्री का बयान मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। मेरा मानना है कि शिक्षा मंत्री को माफी मांगनी चाहिए। जीतू ने कहा कि अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण का वादा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ।

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