74वां उर्स ए मुबारक: आस्था, मोहब्बत और भाईचारे का संगम

बिलासपुर: पुलिस लाइन स्थित दरगाह शरीफ में 74वां उर्स ए मुबारक बड़े अकीदत और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। यह उर्स हज़रत सय्यद मदार शाह र.अ., हज़रत सय्यद अनवर अली र.अ. और हज़रत मोहम्मद ग़नी शाह र.अ. की याद में हर साल मनाया जाता है। 9 से 11 मई तक चलने वाले इस आयोजन में धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर लोग बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं।
उर्स की शुरुआत 9 मई को सुबह कुरान ख्वानी से हुई, इसके बाद परचम कुशाई और रात में गुस्ल व चादरपोशी की रस्में अदा की गईं। मिलाद-ए-महफिल में नाते-पाक और फजीलत भरे कलामों से माहौल रोशन हो गया।
आज (शनिवार) रात को कव्वाली की खास महफिल सजने वाली है, जिसमें दिल्ली के फहीम गुलाम वारिस और मुंबई के हाजी सुल्तान नाज़ा अपनी बेहतरीन कव्वालियां पेश करेंगे। यह आयोजन पुलिस लाइन मैदान में होगा, जहां बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।
11 मई को सुबह कुल की फातिहा के साथ उर्स का समापन होगा।
यह दरगाह अब सिर्फ मज़हबी स्थल नहीं, बल्कि सर्वधर्म आस्था का प्रतीक बन चुकी है। हर साल यहां अलग-अलग धर्मों के लोग मन्नतें लेकर आते हैं और मानते हैं कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई दुआ जरूर पूरी होती है।





