12वीं फेल के रियल हीरो IPS मनोज शर्मा पहुंचे रायपुर, नालंदा परिसर, किया छात्रों को प्रेरित..
रायपुर। बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म “12वीं फेल” के रियल हीरो आइपीएस मनोज कुमार शर्मा रायपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने नालंदा परिसर, तक्षशिला लाइब्रेरी का दौरा कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। उनका हौसला बढ़ाया। नालंदा परिसर, तक्षशिला लाइब्रेरी देखकर वे बेहद खुश हुए। इनके बारे में जानकारी भी ली। 24 घंटें सातों दिन लाइब्रेरी खुली रहती है, इस बात पर वो बहुत खुश भी हुए।
लाइब्रेरी में पढ़ रहे युवाओं ने उनके साथ सेल्फी भी ली। आईपीएस मनोज शर्मा इस समय सीआईएसएफ में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर आईजी के पद पर कार्यरत हैं। उनके जीवन संघर्षों पर आधारित आत्मकथा 12वीं फेल फिल्म बनाई गई है जो युवाओं के बीच काफी चर्चित है।
विधु विनोद चोपड़ा द्वारा बनाई गई फिल्म 12वीं फेल फिल्म में दिखाया गया कि जब मनोज शर्मा चंबल में अपने गांव में हायर सेकेंडरी की पढ़ाई कर रहे थे। तब उनके स्कूल में नकल कराई जाती थी और नकल से ही लोग पास होते थे। उस वर्ष जिसमें मनोज भी परीक्षा दे रहे थे। एसडीएम अचानक निरीक्षण के लिए पहुंच गए और नकल रोक दी। जिससे मनोज फेल हो गए।
इसके बाद मनोज ने निश्चय किया कि कभी नकल नहीं करेंगे और सिविल सेवा की तैयारी करेंगे ताकि देश को बेहतर बनाने में अपना योगदान दे सकें। उनकी कहानी ने देश के लाखों युवाओं को प्रभावित किया है और उन्हें कड़ी मेहनत तथा ईमानदारी के साथ अपना करियर संवारने की प्रेरणा दी है। कलेक्टर डा. गौरव सिंह, एसएसपी संतोष सिंह, नगर निगम कमिश्नर अविनाश मिश्रा और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने स्वागत किया।
ऐसी लाइब्रेरी कही नहीं देखी
आईपीएस मनोज शर्मा नालंदा परिसर का भ्रमण किया। वहां पर छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने विजिटर बुक में लिखा कि मैने कभी इतनी अच्छी लाइब्रेरी नहीं देखी। जहां एक साथ इतने सारे छात्र-छात्राएं मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं के लिए लिखा हमेशा इस सुविधा का भरपूर उपयोग करें।
इनके जीवन से कभी हार नहीं मानने की मिलती है सीख
छात्राें ने कहा कि मनोज शर्मा के जीवन आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। साथ ही जीवन में कभी हार नहीं मानने की सीख देता है। मनोज शर्मा कला केंद्र का भी भ्रमण किया। उन्होंने विभिन्न कक्ष, रिकार्डिंग स्टूडियो का अवलोकन भी किया। वाद्य यंत्रों से लेकर चित्रकला के बारे में जानकारी ली। उन्होने कहा कि कला केन्द्र को मुंबई जैसे महानगर के तर्ज पर सांस्कृतिक केन्द्र और स्टूडियों के रूप में विकसित किया जा सकता है।