युवोदय स्वयंसेवक दल ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से फैलाई नशामुक्ति और सड़क सुरक्षा का संदेश
दुर्ग। जिला प्रशासन, यूनिसेफ एवं एग्रिकॉन फाउंडेशन के मार्गदर्शन में युवोदय स्वयंसेवक दल द्वारा नशामुक्ति एवं सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य समाज में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकना और सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना था। कार्यक्रम की शुरुआत पाटन ब्लॉक के मुख्य चौक से की गई, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक और युवा इस नुक्कड़ नाटक को देखने के लिए एकत्रित हुए। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताया गया कि किस प्रकार नशा व्यक्ति और समाज के लिए घातक है। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन न करने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के प्रति भी लोगों को सजग किया गया।
नशे की लत के कारण व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को नाटक के जरिए बड़ी संवेदनशीलता से दर्शाया गया। साथ ही, सड़क पर हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट का उपयोग करने, गति सीमा का पालन करने और नशे में वाहन न चलाने के महत्व को जोरदार तरीके से प्रस्तुत किया गया। इस आयोजन में युवोदय स्वयंसेवकों ने नशामुक्त समाज बनाने और सुरक्षित सड़क यातायात के प्रति अपने संकल्प को दोहराया। उन्होंने बताया कि जागरूकता फैलाने के लिए नुक्कड़ नाटक एक प्रभावी माध्यम है, जिसके जरिए सीधे जनता के बीच पहुंचा जा सकता है। इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने युवोदय के इस प्रयास की सराहना की और
नुक्कड़ नाटक के अंत में स्वयंसेवकों ने उपस्थित लोगों से नशामुक्ति और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने की शपथ दिलाई। यह जागरूकता अभियान पाटन ब्लॉक के विभिन्न प्रमुख स्थलों पर लगातार जारी रहेगा, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक इस संदेश को पहुंचाया जा सके। इस कार्यक्रम में युवोदय ब्लॉक समन्वयक मुकेश कुमार, युवोदय स्वयं सेवक संगम वर्मा, दिपांजली वर्मा, मनीषा, पायल, प्रियंका, लीना, तुलेश्वरी, सोनल, महक आदि मौजूद थे। इसके अलावा शा. चंदूलाल चंद्राकर कॉलेज के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ पुष्पा मिंज, एनएसएस स्वयंसेवक, समाज कार्य विभाग के छात्र भी इस कार्यक्रम में अपना सहयोग प्रदान किये। यह जागरूकता अभियान पाटन ब्लॉक के विभिन्न प्रमुख स्थलों पर लगातार जारी रहेगा, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक इस संदेश को पहुंचाया जा सके।