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मॉरीशस और बहरीन जैसे 45 देशों के क्षेत्रफल से ज्यादा वक्फ की संपत्ति, जानें किस लिए होता प्रॉपर्टी का इस्तेमाल? 

नई दिल्ली: संसद में हाल ही में केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड में संशोधन को लेकर बिल पेश किया. इसको लेकर सदन में जमकर बहस और फिर उसे ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के पास भेज दिया गया. इस बीच देश के लोग यह जानकर हैरान रह गए कि वक्फ बोर्ड बेशुमार संपत्तियों का मालिक है.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत के वक्फ बोर्ड के पास दुनिया के और तमाम देशों के वक्फ बोर्ड से कई गुना ज्यादा संपत्ति है. साथ वक्फ बोर्ड काफी ताकतवर भी है. मौजूदा वक्फ बोर्ड एक्ट के मुताबिक, एक बार जब कोई जमीन वक्फ के पास चली जाती है तो उसे वापस नहीं किया जा सकता.

यही वजह है कि देश में मौजूद सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड दोनों की कुल संपत्ति लगातार बढ़ रही है. जानकारी के मुताबिक क्फ बोर्ड के पास देश में रेलवे, डिफेंस और कैथोलिक चर्च के बाद सबसे जमीन है.

45 देशों के क्षेत्रफल से भी ज्यादा जमीन

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश में वक्फ बोर्ड के पास करीब 3804 वर्ग किलोमीटर संपत्ति जमीन है. यह दुनिया के लगभग 45 देशों के क्षेत्रफल से भी ज्यादा है. यह क्षेत्रफल समोआ, मॉरीशस, हांगकांग, बहरीन और सिंगापुर जैसे देशों से भी ज्यादा है.

बता दें कि साल 2022 में राज्यसभा में तत्कालीन केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने एक लिखित जवाब में कहा था कि देशभर में वक्फ के पास कुल 7 लाख 85 हजार 934 संपत्तियां हैं. इनमें सबसे ज्यादा सपंत्ति उत्तर प्रदेश में हैं. यूपी में वक्फ बोर्ड के पास कुल 2 लाख 14 हजार 707 संपत्तियां हैं. इसमें से 1 लाख 99 हजार 701 सुन्नी और 15006 शिया वक्फ की हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर है, जहां वक्फ के पास 80 हजार 480 संपत्तियां है. इसी तरह तमिलनाडु में वक्फ की 60 हजार 223 संपत्तियां हैं.

किस लिए होता है वक्फ संपत्ति का इस्तेमाल?

वक्फ संपत्ति का इस्तेमाल कब्रिस्तान, सामाजिक कल्याण, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, डिस्पेंसरी और मुसाफिरखानों के लिए होता है. देशभर में बने सभी कब्रिस्तान वक्फ भूमि का हिस्सा हैं. देश के सभी कब्रिस्तान का रखरखाव वक्फ बोर्ड ही करता है. देश में इस समय 30 वक्फ बोर्ड हैं. ये वक्फ बोर्ड वक्फ अधिनियम 1995 के तहत काम करते हैं

1995 में मिले असीमित अधिकार

देश में वक्फ की संपत्तियों के लिए कानून बनाने की शुरुआत 1913 में हुई थी. इसके बाद से समय-समय पर कई संशोधन हो चुके हैं. बता दें कि साल 1995 में केंद्र की पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियां बढ़ा दी थीं. उन्होंने वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव किए और जमीन अधिग्रहण करने के लिए असीमित अधिकार दे दिए.

2013 में हुआ था आखिरी बार संशोध

इसके बाद साल 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए-2 के शासनकाल में वक्फ बोर्ड की शक्तियां बढ़ाकर उसे कानूनन अधिकार दिए गए कि वह मुस्लिम द्वारा दिए गए दान के नाम पर संपत्तियों पर दावा कर सकता है.

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