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Vinesh Phogat: निजी जीवन में भी योद्धा हैं विनेश फोगाट, संघर्षों से भरा रहा करियर, हमेशा चैंपियन बनकर निकलीं

भारत की दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट ने गुरुवार को संन्यास का एलान कर दिया। बुधवार को उन्हें महिलाओं की 55 किग्रा कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से बाहर कर दिया गया था। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान लोपेज गुजमान को 5-0 से हराया था। माना जा रहा था कि विनेश का पदक पक्का हो गया है,लेकिन उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया गया। विनेश के इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है। वह सिर्फ कुश्ती के मैट पर नहीं, बल्कि निजी जीवन में भी एक योद्धा रही हैं। पिछले एक-डेढ़ साल में विनेश का नाम काफी चर्चा में रहा है। सिर्फ पदक जीतने के मामले में नहीं, बल्कि विवादों से भी उनका नाता रहा है

1994 में हुआ था विनेश का जन्म

विनेश ने बड़े-बड़े टूर्नामेंट में देश का नाम रोशन किया। ओलंपिक पदक लाने से पहले उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के अलावा एशियाई खेल, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई चैंपियनशिप में तिरंगा लहराया है। 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के बलाली गांव में विनेश फोगाट का जन्म हुआ। विनेश का जन्म भारत के सबसे प्रसिद्ध कुश्ती परिवार में हुआ। विनेश के ताऊ महावीर सिंह ने फोगाट बहनों को बहुत कम उम्र से ही इस खेल से परिचय करा दिया था। विनेश भी अपनी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेकदम पर चल पड़ीं। महज नौ साल की उम्र में विनेश के पिता का अचानक निधन हो गया था। विनेश के ताऊ जी ने अपनी बेटियों विनेश को भी कुश्ती सिखानी शुरू की। लड़कियों को पहलवानी सिखाने पर फोगाट परिवार को समाज में ताने दिए जाते थे, लेकिन किसी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

मुश्किल ट्रेनिंग करती थीं विनेश

विनेश को ट्रेनिंग के लिए सुबह साढ़े तीन बजे उठकर जाना पड़ता था। बचपन से ही बिना ट्रेनिंग के घंटों की गिनती किए बिना लगातार प्रैक्टिस करती थीं। गलती होने पर मार भी पड़ती। ट्रेनिंग के बाद वह स्कूल भी जाती, जहां थकान के कारण वह क्लासरूम में सो जाया करती थीं। बाल लंबे करने की इजाजत उन्हें नहीं थी, क्योंकि विनेश के ताऊ जी को लगता था कि लंबे बार ध्यान भटका सकते हैं।

विनेश फोगाट का करियर

2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में विनेश फोगाट ने अपना पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता। उन्होंने स्वर्ण जीता तो ओलंपिक खेलों में कदम रखने के लिए आत्मविश्वास बढ़ा। फिर 2016 रियो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली। हालांकि, उस दौरान वह पदक जीतने से चूक गईं, लेकिन इसके बाद उन्होंने 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण हासिल किया

नूर सुल्तान में पहला विश्व चैंपियनशिप पदक हासिल किया और इससे पहले एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर सभी को हैरान कर दिया। 2021 एशियाई चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। टोक्यो ओलंपिक का हिस्सा बनीं। साथ ही राष्ट्रमंडल खेल 2022 में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। विनेश फोगाट तीन राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।

 

 

 

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