छत्तीसगढ

पूर्व राज्यपाल रमेश बैस की सक्रिय राजनीति में फिर आने की सुगबुगाहट

रायपुर। रायपुर लोकसभा सीट से सात बार सांसद रह चुके और तीन राज्यों में राज्यपाल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश बैस की एक बार फिर सक्रिय राजनीति में वापसी की चर्चा चल रही है। भाजपा के सूत्रों के अनुसार, हाल ही में कुछ भाजपा नेता रमेश बैस से मिलने उनके निवास पर पहुंचे और उनसे संगठन में सक्रिय होने का आग्रह किया। इस बातचीत से यह संभावना जताई जा रही है कि पार्टी उन्हें कोई नई जिम्मेदारी दे सकती है। बैस ने भी इस संबंध में कई बार कहा है कि वे पार्टी के कार्यकर्ता हैं और उन्हें जो भी आदेश दिया जाएगा, वह उसे निभाएंगे।

छत्तीसगढ़ में भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में माने जाते हैं। उनकी उम्र लगभग 77 वर्ष है, और अब यह माना जा रहा है कि उन्हें मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया जा सकता है। बैस ओबीसी समुदाय के प्रमुख चेहरे हैं, और विधानसभा चुनावों के दौरान भी उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी की चर्चाएं हुई थीं। पिछले वर्षों में उन्हें भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद का भी दावेदार माना जाता रहा है।

1978 में हुई थी राजनीतिक करियर की शुरुआत

रमेश बैस के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1978 में हुई, जब वह पहली बार रायपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में निर्वाचित हुए। इसके बाद, 1980 में वह अविभाजित मध्यप्रदेश से विधायक चुने गए। 1989 में उन्होंने पहली बार रायपुर लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव जीता। इसके बाद, बैस ने 1996, 1998, 1999, 2004, 2009, और 2014 तक लगातार सात बार सांसद के रूप में चुनाव जीते। इस दौरान वे विभिन्न केंद्र सरकारों में मंत्री भी रहे।

29 जुलाई 2019 को उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया। इसके बाद, उन्होंने झारखंड और महाराष्ट्र में भी राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली। हाल ही में, उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से विदाई ली और अब अपने गृहराज्य छत्तीसगढ़ में वापसी कर रहे हैं। उनके लौटने से भाजपा की स्थानीय राजनीति में एक नई हलचल देखने को मिल सकती है, और पार्टी के कार्यकर्ता उनकी अनुभव और नेतृत्व क्षमता का लाभ उठाने के लिए उत्सुक हैं।

रमेश बैस की राजनी‍ति से जुड़े कुछ अहम तथ्‍य

– रमेश बैस ने रायपुर लोकसभा सीट से सात बार सांसद के रूप में कार्य किया है।

– बैस ने त्रिपुरा, झारखंड, और महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया है।

1978 में रायपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में शुरू हुआ था राजनीतिक करियर।

– 1980 में अविभाजित मध्य प्रदेश से विधायक चुने गए थे रमेश बैस।

– पिछले वर्षों में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदारों की रेस में थे रमेश बैस।

– छत्‍तीसगढ़ ओबीसी समुदाय के प्रमुख चेहरों में माने जाते हैं रमेश बैस।

77 वर्षीय बैस को भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया जा सकता है।

– भाजपा के कुछ नेताओं ने बैस से संगठन में सक्रिय होने का आग्रह किया।

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