स्वसहायता समूह की महिलाओं का जादू, बिलासपुर में छाई तीखुर की खुशबू!
बिलासपुर। वनमंडल कार्यालय परिसर स्थित बिलासपुर संजीवनी मार्ट में नवरात्र पर्व का सबसे पसंदीदा फलाहार तीखुर का स्टाक पहुंच गया है। ग्राहक अब इसकी खरीदी करने लगे हैं। लेकिन, आप जानते हैं कि मार्ट में आसानी से उपलब्ध इस तीखुर को तैयार करने के पीछे स्वसहायता समूह की उन महिलाओं का अहम योगदान रहता है, जो तीखुर का कंद उपलब्ध होने के बाद प्रोसेसिंग में 10 दिन तक परिश्रम करती हैं।
इसमें बिलासपुर की पहचान शहद को लेकर है। इसके लिए कानन पेंडारी जू में शहद प्रसंस्करण केंद्र भी बनाया गया है। यहां कच्ची शहद से लेकर बाटलिंग करने तक की प्रक्रिया होती है। इसके बाद पूरे प्रदेश को स्टाक भेजा जाता है। इसी तरह तीखुर सप्लाई की जिम्मेदारी रायपुर संजीवनी मार्ट को है। यहां धमतरी से तीखुर आता है।
वहां प्रोसेसिंग कार्य जय मां बम्बलेश्वरी स्वसहायता समूह दुगली की महिलाएं करती हैं। एक सहयोगी समूह जागृति बालिका स्वसहायत भी है। इन दोनों समूह में 20 महिलाएं है। इस प्रोसेसिंग केंद्र में दुगली परिक्षेत्र अंतर्गत देवगांव, जबर्रा, दुगली, बिरगुड़ी वन क्षेत्र से तीखुर कंद का संग्रहण किया जाता है।
संग्रहण के बाद महिलाएं 10 दिन प्रोसेसिंग करती हैं, तब जाकर शुद्ध तीखुर बनकर तैयार होता है। इसके बाद प्रदेश के हर जिले में तीखुर की सप्लाई होती है। बिलासपुर के संजीवनी मार्ट में भी तीखुर का स्टाक भेजा गया है। यह सप्लाई नवरात्र पर्व को देखते हुए की गई है।
जानिए संजीवनी में उपलब्ध तीखुर की कीमत
एक किग्रा – 1,050 रुपये
500 ग्राम – 535
200 ग्रााम – 220
तीखुर खाने के लाभ
सांसों की बीमारी दूर होती है।
एनीमिया, मूत्र रोग, डायबिटीज, पीलिया रोगों में भी औषधीय गुण। 0 पेट
ठंडा रखता है।0 पाचन प्रक्रिया अच्छा रखता है।