चौपाल योजना को अधिकारियों की सुस्ती ने किया चौपट, जा रही मवेशियों की जान
बिलासपुर। जिला प्रशासन चौपाल के माध्यम से पशुपालकों व ग्रामीणों को बेसहारा मवेशियों की सुरक्षा को लेकर जागरूक कर रहा है। चौपाल माह के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों ने मस्तूरी सहित जिले के अन्य ब्लाक को लगातार जागरूक करने में लगी हुई हैं। अधिकारियों की चौपाल के बावजूद सड़कों पर मवेशियों से संबंधित दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अधिकारियों को इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। बावजूद इसके अधिकारियों की सुस्त कार्यशैली के चलते बेसहारा मवेशियों के प्रबंधन को लेकर चलाई जा रही चौपाल योजना को चौपट करने में लगे हुए हैं।
पशुओं को रात में सड़क पर न छोड़ने की समझाइश
पशु मित्र का गठन कर सड़कों पर बैठने वाले पशुओं को गोठान में रखना है। वहीं पशुपालकों को भी जागरूक कर उन्हें पशुओं को रात में सड़क पर न छोड़ने की समझाइश दी जा रही है। माहभर से चल रही योजना का असर अब भी सड़कों पर दिखाई नहीं दे रहा है। सिरगिट्टी क्षेत्र में दुर्घटना का यह दूसरा मामला है जहां पशुओं की जान दुर्घटना में गई है। पहले सड़क हादसे में नौ मवेशियों की जान चली गई थी। पिछले दो दिनों में हुई अलग दुर्घटना में 16 मवेशियों की जान जा चुकी है। दुर्घटना के बाद चौपाल में सक्रिय भूमिका निभाने वाले अधिकारियों की सक्रियता पर सवालिया निशान लग रहा है।
पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक में सख्त निर्देश
कलेक्टर अवनीश शरण व एसपी रजनेश सिंह ने पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक में अधिकारियों को मवेशियों की सुरक्षा के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि सड़क पर बेसहारा मवेशी मिलने पर उनके मालिकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी। पशुपालन विभाग को गौ-तस्करी रोकने और मवेशियों के प्रबंधन के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए। साथ ही सड़क दुर्घटना में मवेशियों की मृत्यु होने पर वाहन चालक व मालिक दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है।