जगदलपुर। जिला उपभोक्ता आयोग ने एक प्रकरण में चोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 7 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति और मानसिक कष्ट के लिए 10 हज़ार रुपए जमा करने आदेश दिया है। कोंडागांव के ग्राम चिपावंड निवासी मूलचंद पटेल ने एक सेकंड हैंड महिंद्रा मराजो खरीदी थी। विक्रेता ने गाड़ी खरीदते समय नाम ट्रांसफर के लिए बीमा आवश्यक होने की जानकारी देते हुए गाड़ी का बीमा पूर्व स्वामी के नाम से करवाया था। इसके बाद इस गाड़ी में आग लग गई और गाड़ी खराब हो गई। गाड़ी में आग लगने की जानकारी गाड़ी मालिक मूलचंद पटेल ने बीमा कंपनी को घटना वाले दिन ही दे दी और उसने बीमा की रकम का क्लेम किया, लेकिन कंपनी ने राशि देने से मना कर दिया। कहा कि घटना के समय बीमा मूलचंद के नाम से नहीं था। इसके बाद मूलचंद ने एक वाद जिला उपभोक्ता आयोग में पेश किया।
आयोग ने माना कि दुर्घटना के समय उसके नाम पर बीमा पॉलिसी स्थानांतरित नहीं होने पर भी पूर्व मालिक की बीमा पॉलिसी के तहत मुआवजे का हकदार है। मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत बीमा पॉलिसी को गाड़ी के स्वामित्व के साथ अंतरित माना जाता है। गाड़ी के स्वामित्व का अंतरण आवेदक के पक्ष में हो चुका था। कंपनी को सेवा में कमी व व्यावसायिक कदाचरण का दोषी मानना है।