मध्यप्रदेश

MP के उपस्वास्थ्य केंद्रों में टेलीमेडिसिन सेवाएं शुरू, शहर में बैठे-बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर्स करेंगे मरीजों का इलाज

प्रदेश के उपस्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले रोगियों को मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की सेवाएं मिल सकेंगी। टेलीमेडिसिन के माध्यम से वह उप स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित सामुदायिक चिकित्सा अधिकारी (सीएचओ) से रोगी की जानकारी लेकर जांच, दवा और रेफरल के बारे में सुझाएंगे।

शुरुआत में उन मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों का सहायता ली जाएगी जहां कॉलेज का खुद का अस्पताल नहीं है। अपना अस्पताल नहीं होने के कारण उनकी व्यस्तता अन्य कॉलेज के विशेषज्ञों (फैकल्टी) की तुलना में कम है।

और डॉक्टरों को भी जोड़ा जाएगा

अगले वर्ष से जो नए कॉलेज खुलने जा रहे हैं वहां के लिए कुछ नान क्लीनिकल विषयों में डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है। उनका उपयोग भी टेलीमेडिसिन सेवा के लिए किया जा सकेगा। अभी उप स्वास्थ्य केंद्रों को टेलीमेडिसिन सेवा के लिए जिला अस्पताल के विशेषज्ञों से जोड़ा जाता है। मेडिकल कॉलेज सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल होते हैं। इनकी सलाह रोगियों के लिए अधिक लाभकारी हो सकती है।

कई किमी दूर बैठकर इलाज/परामर्स

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाद में इस सुविधा का विस्तार दूसरे मेडिकल कॉलेजों तक किया जाएगा। उप स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में होते हैं। यहां सीएचओ के ताैर पर आयुर्वेदिक डॉक्टर या बीएससी नर्सिंग डिग्रीधारी स्टाफ नर्स को पदस्थ किया जाता है। यहां रैपिड किट से 11 तरह की जांचों की सुविधा भी है।

सभी सीएचओ को लैपटाप या डेस्कटाप दिए गए हैं। वह इनके माध्यम से मरीज की जांच रिपोर्ट और अन्य जानकारी मेडिकल कॉलेज डाक्टर को भेजेंगे, जिसके आधार पर वह उपचार की सलाह देंगे। सीएचओ उन्हीं राेगियों के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेंगे जिनके उपचार में वह सक्षम नहीं हैँ।

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