उदयपुर चाकूबाजी मामले में छात्र देवराज की मौत, हमले के बाद शहर में भड़क गई थी हिंसा; अलर्ट पर प्रशासन
उदयपुर: शहर के सूरजपोल इलाके में एक स्कूली छात्र पर चाकूबाजी की घटना सामने आई थी। इस घटना के बाद से पूरे शहर में हिंसा की घटना देखी गईं। वहीं घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसका इलाज किया जा रहा था। वहीं आज 19 अगस्त को छात्र देवराज की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। बता दें कि छात्र पर हुई चाकूबाजी की घटना के बाद आक्रोशित हिंदू संगठन के लोगों ने शहर भर में प्रदर्शन किया था। वहीं प्रदर्शन के चलते शहर में इंटरनेट सेवाओं को बंद भी करना पड़ा था।
छात्र की मौत के बाद प्रशासन अलर्ट
फिलहाल आज भी छात्र की मौत के बाद प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। शहर में किसी भी प्रकार का तनाव ना पैदा हो, इसे लेकर पुलिस चाक-चौबंद है। उदयपुर के एसपी और डीएम अस्पताल पहुंचे हैं, जहां छात्र का पोस्टमार्टम किया जाएगा। वहीं अस्पताल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा इंटरनेट पर लगा बैन अभी भी जारी है। वहीं इलाके में पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि छात्र की मौत से कुछ देर पहले ही उसकी बहन ने राखी बांधी थी।
परिजनों ने प्रशासन से की चार मांगे
वहीं छात्र की मौत के बाद उसके परिजनों ने शव को लेने से मना कर दिया। इसे लेकर प्रशासन की ओर से काफी देर तक मान-मनौवल का दौर चलता रहा। आखिरकर छात्र के परिजनों और प्रशासन के सहमति बन गई है। वहीं मृतक के परिजन डेड बॉडी लेने के लिए तैयार हो गए हैं। छात्र के परिजनों ने प्रशासन के सामने चार मांगे रखी हैं। इसमें पहली मांग परिवार को सुरक्षा दिए जाने की है। वहीं परिजनों की दूसरी मांग ये है कि मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए। तीसरी मांग के तहत परिवार के एक सदस्य को नौकरी जबकि आखिरी में 51 लाख के मुआवजे की मांग की गई है।
हमले के बाद हुआ प्रदर्शन
वहीं घटना वाले दिन छात्र पर हमले की जानकारी मिलते ही आक्रोशित हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस दौरान कई गाड़ियों में आगजनी की घटना भी देखने को मिली। देखते ही देखते हजारों की तादात में हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता एमबी अस्पताल के इमरजेंसी गेट पर पहुंच गए। यहां उन्होंने जमकर नारेबाजी की। किसी तरह से मौके पर पहुंचे कलेक्टर अरविंद पोसवाल, पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल समेत अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराया। वहीं शहर में बढ़ती हिंसा और अफवाहों को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था। इसके अलावा शहर में पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया।