तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी मेंटल हेल्थ के लिए अभिशाप या वरदान… आपके हाथ में ही समाधान
मेंटल हेल्थ का स्वस्थ रहना उतना ही जरूरी है, जितना कि फिजिकल हेल्थ। जब शारीरिक रूप से स्वास्थ्य कमजोर होता है, तो वो बाहर दिखने लगता है, जिससे लोग उसके प्रति तत्काल सक्रिय हो कर इलाज करते हैं। मेंटल हेल्थ ऐसी चीज है जो आंखों से प्रत्यक्ष रूप से दिखती नहीं है।
इंसान मुस्कुरा कर मिलेगा, लेकिन घोर डिप्रेशन से घिरा हुआ हो सकता है। इसलिए इसकी पहचान इतनी मुश्किल है कि इसके इलाज में अक्सर देरी भी संभव है।
आज के आधुनिकीकरण ने मेंटल हेल्थ पर भी अपना प्रभाव निश्चित रूप से डाला है। जितनी टेक्नोलॉजी एडवांस होती जा रही है, उतना ही असर हमारे मेंटल हेल्थ पर भी पड़ रहा है। तो आइए जानते हैं कि तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी मेंटल हेल्थ के लिए अभिशाप है या वरदान –
खुद तय करें कि आप किस तरफ हैं
बिना किसी नोटिफिकेशन, अलार्म, शोर शराबा, रील की लत, दूसरों की खुशी देख कर तुलना करना और दुखी होना, मोबाइल की तेज लाइट से आंखों को नुकसान पहुंचा कर ड्रेन होना… जब इन चीजों के बिना सुबह की शुरुआत होती है और इनकी जगह प्रार्थना, मेडिटेशन, एक्सरसाइज, सूर्योदय को देखना, अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना, उनसे बातें करना, तो ये सभी बातें सुबह को रिचार्ज करती हैं। इस लिहाज से टेक्नोलॉजी एक अभिशाप बन जाती है।
इस लिहाज से भी टेक्नोलॉजी एक अभिशाप
हर समय फोन पर बातें करना कान को नुकसान पहुंचा सकता है, मोबाइल में देखते रहने से आंखों को समस्या होती है, तेज म्यूजिक सुनने से दिल, दिमाग और कान सभी अंगों पर असर पड़ता है, बार बार ईमेल चेक करना और रीलें स्क्रोल करते रहने से दिमाग पर भी असर पड़ता है जिससे डिजिटल डिमेंशिया तक होने की संभावना होती है। इसलिए इस अनुसार भी टेक्नोलॉजी एक अभिशाप मानी जा सकती है।
ऐसे बना सकते हैं वरदान
एक सीमित मात्रा और टाइम लिमिट में अगर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाए तो इसके ढेरों फायदे भी हैं जैसे ये अकेलापन दूर करता है, इमरजेंसी में दूसरों से मदद लेने में मदद करता है, किसी प्रोडक्ट का प्रमोशन या एड करने के लिए, किसी जागरूकता अभियान को बढ़ाव देने के लिए, कठिन समय में किसी सपोर्ट ग्रुप से जुड़ने के लिए, अपनी क्रिएटिविटी और कला का प्रदर्शन करने के लिए टेक्नोलॉजी एक वरदान के समान है।
इस तरह सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो टेक्नोलॉजी थोड़ा वरदान और थोड़ा अभिशाप दोनों का ही मेल है। जरूरत है तो बस संयम और धैर्य के साथ सीमित समय के लिए इससे जुड़ कर रहने की।