छत्तीसगढ़ में सीमेंट के बढ़े दामों को लेकर सियासत तेज, जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी कांग्रेस, CM साय ने केंद्र को लिखा पत्र
छत्तीसगढ़ में सीमेंट के बढ़े दामों को लेकर सियासत तेज हो गई है। इसे लेकर कांग्रेस विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 11 सितंबर को पूरे राज्य में प्रेसवार्ता और 12 को सभी जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन का निर्णय लिया है। प्रदर्शन में सीमेंट की बढ़ी हुई दरों को वापस लेने की मांग की जाएगी।
बैज ने प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार के मंत्री व विधायक की खुश नहीं है। कांग्रेस के मुद्दों का वे लगाकर समर्थन कर रहे हैं। एक तरफ सरकार दावा करती है कि लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृति किए हैं। वहीं, दूसरी तरफ लोगों को लूटने का काम कर रही है। प्रदेश में सीमेंट बनाने के लिए रॉ-मटेरियल की कमी नहीं है।
प्रदेश स्तर पर करेंगे बड़ा प्रदर्शन : दीपक बैज
प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में बिजली का उत्पादन होता है। इसके बाद भी 50 रुपये सरकार ने किस लिए बढ़ाया, इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को प्रधानमंत्री आवास बनाना पहुंच से दूर हो गया है, इसलिए सरकार सीमेंट का दाम बढ़ाकर लोगों को लूटने का काम कर रही है। सीमेंट, गिट्टी, रेती और सरिया के लगातार बढ़ते दामों को लेकर प्रदेश स्तर पर फिर से बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
बैज ने प्रदेश में बढ़ते अपराध लेकर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। इधर, मीडिया से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष डा. चरण दास महंत ने कहा कि चार दिनों पहले धाम को लेकर सवाल उठाया था, जिस पर राज्य सरकार के किसी मंत्री या नेता का जवाब नहीं आया। यह बेहत दुखद बात है। महंत ने कहा कि क्या साय सरकार ने मान लिया है कि भाजपा सरकार में एक हजार करोड़ का घोटाला हुआ है।
मुख्यमंत्री निवास का कल करेंगी घेराव
प्रदेश महिला कांग्रेस की पदाधिकारी और कार्यकर्ता मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास घेरने के लिए वृहद रूप से तैयारियां की जा रही है। पदाधिकारियों को घेराव के तैयारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।
इधर बढ़े दामों पर सीए साय और सांसद बृजमोहन ने केंद्र को लिखा पत्र
इधर, सीमेंट की बढ़ी कीमतों को कम करवाने के लिए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अध्यक्ष को सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पत्र लिखा है। उन्होंने एकाएक प्रति बोरी 50 रुपये की वृद्धि को वापस लेने की मांग की है।
सांसद ने पत्र में लिखा है कि खनिज, लौह, कोयला, उर्जा संपदा से भरपूर प्रदेश है। इसके बावजूद सीमेंट कंपनियों के संगठनों ने एक कार्टेल बनाकर सीमेंट की कीमतों में तीन सितंबर से बेतहाशा वृद्धि कर दी है। सरकार को सीमेंट फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए सीमेंट की बढ़ाई गई कीमत को वापस कराकर लोगों को राहत दिलाने की जरूरत है।
सीमेंट कंपनियों को उत्पाद के लिए कच्चा माल से लेकर उर्जा तक सभी वस्तुएं कम दरों पर उपलब्ध है। इसके बावजूद सीमेंट के कीमतों में वृद्धि सीधे-सीधे लोगों पर भार है। प्रदेश में सीमेंट का प्रत्येक महीने करीब 30 लाख टन (छह करोड़ बैग) उत्पादन किया जाता है।
सीमेंट की कीमतों में वृद्धि से प्रदेश में चल रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, सड़क, भवन, पुल-पुलिया, नहर, स्कूल, कालेज, आंगनबाड़ी भवनों सहित गरीबों के लिए निर्मित पीएम आवास योजना पर भी असर पड़ेगा। सभी शासकीय प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाएगी, जो देश और राज्य हित के लिए उचित नहीं है।