राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के आठवीं बटालियन में चल रही पुलिस आरक्षक भर्ती के दौरान लेन-देन और धांधली के संदेह में घिरे एक पुलिस जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आज सुबह लगभग 6 बजे पुलिस आरक्षक का शव ग्राम रामपुर के समीप एक खेत में पेड़ से झूलता पाया गया। इस दौरान मृतक के हाथ पर लिखे उसके कथन से हड़कम्प मच गया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने आरक्षक के परिजनों की उपस्थिति में शव को फंदे से उतारकर पोस्ट मार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भिजवाया।
राजनांदगांव में पुलिस आरक्षक भर्ती के दौरान शारीरिक दक्षता परीक्षा में टाइमिंग टेक्नोलॉजी के माध्यम से डेटा एंट्री में कुछ अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाए जाने का मामला सामने आया था। इसके बाद पुलिस ने ही इस मामले में शहर के लालबाग थाने में एफआईआर कराया था और मामले की पूरी जांच की जा रही थी। जिसमें लगभग 20 अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाना प्रतीत हो रहा था।
भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी,धांधली और लेन-देन के संदेह के दायरे में प्रक्रिया से जुड़े लोग आए हैं। इन्हीं में 14 पुलिस आरक्षक जो भर्ती प्रक्रिया में ड्यूटी कर रहे थे उनकी भूमिका को भी संदेह में रखकर जांच की जा रही थी। इसी बीच उनमें से एक आरक्षक ने आज फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
परिजनों के आने पर दोपहर लगभग 3:00 बजे जब मृतक का भाई और अन्य परिजन पहुंचे तब शव को फंदे से उतर कर पंचनामा बनाया गया। परिजनों के सामने पंचनामा कार्रवाई के दौरान मृतक आरक्षक के हाथ पर लिखा हुआ पाया गया कि “भर्ती ड्यूटी में कर्मचारी को फंसाया जा रहा है और अधिकारी को बचाया जा रहा है, सब इंवॉल्व है”।
मृतक आरक्षक के द्वारा अपने हाथ पर ऐसा लिखे जाने से साफ हो गया है कि उसने इस भर्ती प्रक्रिया की जांच में फंसाए जाने को लेकर आत्महत्या की है। इस मामले में उनके भाई ने मामले की पूरी जांच की मांग की है। मृतक आरक्षक अनिल रत्नाकर सरायपाली बसना क्षेत्र का निवासी था और खैरागढ़ जिले के जालबांधा पुलिस चौकी में पदस्थ था। आज सुबह उसका शव बेल्ट और गमछे के सहारे से फांसी के फंदे में झूलता मिला था।
इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने कहा कि 16 नवंबर से आरक्षक भर्ती चल रही है। भर्ती प्रक्रिया में मृतक आरक्षक की लॉन्ग जंप में ड्यूटी लगाई गई थी। उन्होंने कहा इस मामले में सभी से पूछताछ की जा रही थी। मृतक ने अपने हाथ पर कर्मचारियों को विवेचना में टारगेट करने और अधिकारियों को बचाने की बात लिखी है। सारे अधिकारियों की जांच की जा रही है, जिनके खिलाफ साक्ष्य मिलेंगे कार्रवाई होगी।
आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के मामले में अब तक 6 आरक्षक और 2 आपरेटर गिरफ्तार किए हैं, आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है।