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कारगिल विजय दिवस पर पीएम मोदी, बोले- दुश्मनों के नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे

लद्दाख: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर द्रास, कारगिल पहुंचे. उन्होंने इस अवसर पर कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि दी. बता दें, पीएम मोदी सुबह करीब 9:20 बजे कारगिल युद्ध स्मारक पहुंचे. द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर सुरक्षा उद्देश्यों के अनुसार पूरी व्यवस्था की गई है.

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंकुन ला सुरंग परियोजना का वर्चुअली उद्घाटन किया. शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा, ताकि लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके. पूरा होने के बाद, यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज लद्दाख की यह महान भूमि कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ देख रही है. कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्र के लिए दिए गए बलिदान अमर हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अतीत में अपनी सभी नापाक कोशिशों में विफल रहा है. लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ भी नहीं सीखा है. वह आतंकवाद और छद्म युद्ध की मदद से खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश कर रहा है. आज मैं ऐसी जगह से बोल रहा हूं जहां से आतंक के आका मेरी आवाज सीधे सुन सकते हैं, मैं आतंकवाद के इन संरक्षकों से कहना चाहता हूं कि उनके नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे. हमारे जवान पूरी ताकत से आतंकवाद को कुचलेंगे और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा…

लद्दाख में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लद्दाख हो या जम्मू-कश्मीर, भारत विकास की राह में आने वाली हर चुनौती को परास्त करेगा. कुछ ही दिनों में, 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को समाप्त हुए 5 साल हो जाएंगे. जम्मू-कश्मीर एक नए भविष्य की बात कर रहा है, बड़े सपनों की बात कर रहा है… बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है. दशकों बाद कश्मीर में कोई सिनेमा हॉल खुला है. साढ़े 3 दशक बाद पहली बार श्रीनगर में ताजिया जुलूस निकाला गया है. धरती का हमारा स्वर्ग तेजी से शांति और सद्भाव की ओर बढ़ रहा है…

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अग्निपथ योजना भी सेना की ओर से किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण है…कुछ लोग सोचते थे कि सेना का मतलब राजनेताओं को सलामी देना, परेड करना है लेकिन हमारे लिए सेना का मतलब 140 करोड़ देशवासियों की आस्था है. अग्निपथ का लक्ष्य सेना को जवान बनाना है, सेना को युद्ध के लिए निरंतर फिट रखना है. दुर्भाग्य से, कुछ लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील मुद्दे को राजनीति का विषय बना दिया है. ये वही लोग हैं जिन्होंने सेना में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले करके हमारी सेना को कमजोर किया…

इससे पहले पीएमओ की ओर से जानकारी दी गई थी कि प्रधानमंत्री शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट वर्चुअली करेंगे. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया था कि शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा ताकि लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके.

यह सुंरग तैयार होने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी. शिंकुन ला सुरंग न केवल देश के सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी.

आज जब देश कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है, तो सैनिकों के परिवार अपने प्रियजनों की बहादुरी और समर्पण को याद कर रहे हैं, जिन्होंने 1999 में बर्फीली ऊंचाइयों पर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान अपनी जान गंवा दी थी. कारगिल के नायक विनोद कुमार की विधवा मधुबाला ने कहा कि 18 मई, 1997 को हमारी शादी हुई और 14 जून, 1999 को उन्होंने अपनी जान गंवा दी. मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है और गर्व महसूस हो रहा है.

कारगिल के नायक, सैनिक बेजेंद्र कुमार के बड़े भाई राजेंद्र कुमार ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके भाई ने देश के लिए अपनी जान दे दी. उन्होंने कहा कि मुझे बहुत गर्व है, उन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी. हम उन्हें हर दिन याद करते हैं. कारगिल के नायक, ग्रुप कैप्टन के नचिकेता राव की पत्नी प्रशांति ने कहा कि, अन्य सभी देशवासियों की तरह, वह भी पाकिस्तान से उनके वापस आने के लिए हर रोज प्रार्थना करती थीं. केप्टन नचिकेता भारतीय वायु सेना में एक लड़ाकू पायलट थे, जिन्हें युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था.

उन्होंने कहा कि मुझे बहुत गर्व महसूस होता है. उन्होंने जो बहादुरी और साहस दिखाया, उस पर मैं गर्व महसूस करती हूं. युद्ध के समय हम शादीशुदा नहीं थे. युद्ध के दो साल बाद हमारी शादी हुई. अन्य सभी देशवासियों की तरह, हम भी हर रोज उनके वापस आने (पाकिस्तान से) के लिए प्रार्थना करते थे. प्रशांति ने कहा कि हमें गर्व महसूस होता है क्योंकि बहुत कम लोग होते हैं जिन्हें ऐसी बहादुरी दिखाने का मौका मिलता है और फिर वापस आकर उन कहानियों को बताने के लिए जीवित रहते हैं.

26 जुलाई को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला कारगिल विजय दिवस 1999 में ऑपरेशन विजय की सफलता का स्मरण कराता है. इस संघर्ष के दौरान, भारतीय सेना ने जम्मू और कश्मीर के कारगिल सेक्टर में रणनीतिक ठिकानों पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया था. जहां पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने घुसपैठ की थी.

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