दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का सोमवार को 10वां दिन है। 10 वे दिन बांग्लादेश हिंसा मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। इस बीच राज्यसभा में विपक्ष सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सके, इसलिए सांसद संसद के अंदर हस्ताक्षर अभियान चला रहे है।
सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पक्ष में हैं। राज्यसभा के सभापति को हटाने के लिए प्रस्ताव 50 सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है। आपको बता दे कि मानसून सत्र में भी सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा थी, लेकिन विपक्ष ने बाद में उससे हाथ खीच लिया था।
राज्यसभा का पदेन सभापति होता है उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। वह लाभ का कोई अन्य पद धारण नहीं करता है। जिस किसी ऐसी अवधि के दौरान उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है या राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करता है, उस अवधि के दौरान वह राज्यसभा के सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन नहीं करता है।
इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाना चाही है विपक्ष
कांग्रेस और INDIA गठबंधन के अन्य घटक दलों ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ का रवैया पक्षपातपूर्ण दिखाई देता है। हालत यह है कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने नहीं दिया जाता और उनका माइक बंद कर दिया जाता है।विपक्ष के दल चाहते हैं कि सदन नियमों और परंपरा के अनुसार चले। साथ ही सदस्यों के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं।