रायपुर। छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णुदेव साय की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल को एक साल पूरे हो गए हैं। एक साल के भीतर सरकार ने ऐसे कई निर्णय लिए जिनकी बदौलत प्रदेश खुशहाली की राह पर चल पड़ा है। सरकार ने बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों का पुनर्गठन किया है। इन पांचों प्राधिकरणों की कमान अब सीधे मुख्यमंत्री के जिम्मे है। इस जनप्रतिनिधित्व को और मजबूत किया गया है।
सीएम विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ जनजातीय सलाहकार परिषद का गठन किया गया है। इसकी अधिसूचना का प्रकाशन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर द्वारा किया गया है। आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम इस परिषद के उपाध्यक्ष बनाये गए है। इस परिषद कुल 18 सदस्य है, जिसमें वन मंत्री सहित 13 विधायक और 4 सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव इस परिषद के सचिव होंगे। इस परिषद के विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधियों से मनोनीत सदस्य उस समय तक सदस्य रहेंगे। जब तक कि वे विधानसभा के सदस्य रहेंगे। अन्य सदस्य परिषद् में उनके मनोनयन की तारीख से एक वर्ष की अवधि तक परिषद् के सदस्य रहेंगे। इसके तहत हर संभाग में एक-एक गौ अभयारण्य की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है।
राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 5वीं तक बच्चों को स्थानीय भाषा-बोली में शिक्षा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। 18 स्थानीय भाषा-बोलियों में स्कूली बच्चों की पुस्तकें तैयार की जा रही हैं। प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, हल्बी, सादरी, गोंड़ी और कुडुख में कोर्स तैयार होंगे। इसके साथ ही प्री-प्राइमरी से 12 वीं तक सबको शिक्षा उपलब्ध कराने की अनुशंसा की गई है। इस नवीन शिक्षा नीति के तहत समतामूलक और समावेशी शिक्षा प्रदान करने के साथ ही प्रचलित शैक्षणिक संरचना 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 लागू किया गया है।
नक्सल क्षेत्रों के 29 बंद स्कूल फिर से होंगे शुरू
वहीं आदिवासी बच्चों के लिए रोबोटिक्स और एआई शिक्षा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों में कौशल शिक्षा को एकीकृत करने की शुरूआत। पीएम श्री योजना के तहत 341 स्कूलों का उन्नयन किया जा रहा है। नक्सल क्षेत्रों में 29 बंद स्कूल फिर से शुरू होंगे। माओवादी आतंक प्रभावित जिलों के विद्यार्थियों को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए मिलेगा ब्याज रहित ऋण, शेष जिलों के विद्यार्थियों को 1 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिलेगा। कमजोर आर्थिक स्थिति वाले विद्यार्थियों को मिलेंगे तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के बेहतर अवसर है। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना 2 लाख से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के विद्यार्थी पात्र होंगे। डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के 35 तकनीकी एवं अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम शामिल। ब्याज अनुदान के लिए शिक्षा ऋण की अधिकतम सीमा 4 लाख रूपए कर दी गई है।
छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा विभाग में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का निर्णय लिया है। इससे छात्र-छात्राओं को समग्र एवं लचीले शिक्षा प्रणाली के साथ ही गुणवत्तायुक्त शिक्षण की सुविधा मिलेगी। शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अधिक संसाधन और सहयोग प्राप्त होंगे। उद्योगों को अधिक कुशल कार्य बल मिलेगा। सामुदायिक सहयोग से स्कूली बच्चों के खानपान में पोषण आहार की मात्रा बढ़ाने के लिए न्यौता भोज की अभिनव पहल शुरू की गई है। ‘एक पेड़ मां के नाम’ मुहिम के अंतर्गत लक्ष्य के अनुरूप लगभग 04 करोड़ वृक्षों का रोपण किया गया।
बस्तर में शांति के लिए नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना
छत्तीसगढ़ पुलिस की वर्दी में राष्ट्रपति ध्वज लगेगा। इसको लेकर राष्ट्रपति ने ध्वज लगाने की मंजूरी दे दी है। बीते साढ़े 10 महीनों के दौरान मुठभेड़ों में 200 से अधिक माओवादियों को ढेर किया गया। 39 सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गई, 30 और प्रस्तावित। बीजापुर के कुंडपल्ली और सुकमा के तुमालपाड़ में सीआरपीएफ के नवीन कैंपों की स्थापना। दो और कैंप प्रस्तावित किए गए हैं। माओवादियों के सप्लाई एवं फंडिंग नेटवर्क के विरूद्ध 18 नए प्रकरणों सहित 27 माओवादी प्रकरणों को अग्रिम विवेचना के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) को सौंपा गया है। राज्य में घटित होने वाली माओवादी घटनाओं के अनुसंधान एवं अभियोजन की प्रभावी कार्यवाही के लिए राज्य अन्वेषण एजेंसी (SIA) का गठन। एसआईए को 02 प्रकरण सौंपे गए हैं।
नियद नेल्लानार से धरातल पर उतर रहीं योजनाएं
राज्य शासन की नियद नेल्लानार (आपका अच्छा गांव) योजना के अंतर्गत माओवाद पीड़ित क्षेत्रों में स्थापित नए कैम्पों के आसपास 96 गांवों का चयन कर शासन के 17 विभागों की 53 कल्याणकारी योजनाओं और 28 सामुदायिक सुविधाओं के तहत आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, पुल-पुलिया, स्कूल इत्यादि मूलभूत संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। विगत 11 महीनों में कुल 355 मोबाइल टॉवर शुरू किए गए। विगत 11 माह में 214 किलोमीटर लंबाई वाले 47 मार्गों एवं 05 पुलों का निर्माण पूर्ण हुआ।
भूखण्ड का लिया जाएगा आधार नंबर
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग तथा वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रधारकों की मृत्यु होने पर वारिसानों के नाम पर काबिज वन भूमि का हस्तांतरण राजस्व या वन अभिलेखों में दर्ज करने संबंधित कार्यवाही के लिए प्रक्रिया प्रारूप का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन। इससे भविष्य में नक्शा का जिओ रिफ्रेंसिंग होने से भूखण्ड का आधार नंबर भी लिया जाएगा। इसका उपयोग नामांतरण, सीमांकन, बटवारा आदि में किया जाएगा