पेड़ों को बेटियों का नाम, जल को दिया जीवनदान: जिले में जल संरक्षण का नया अध्याय
गर्मियों में अप्रत्याशित भू जल स्तर में गिरावट को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा भूजल स्तर बढ़ने, जल एवं पर्यावरण संरक्षण करने की दिशा में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। नतीजन जिले के परसतराई, नवागांव थुहा सहित अनेक ऐसे गांव के लोग स्व विवेक से जल संरक्षण के लिए आगे आए। इसके तहत जहां नल और जलाशयों के आसपास जल संरक्षण सबंधी स्ट्रक्चर बनाए, वहीं रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी स्थापित किए गए। इसके साथ ही नारी शक्ति से जल शक्ति के तहत बिहान, ग्रीन आर्मी सहित ग्रामीण महिलाओं ने रैली, दीवार लेखन, प्रतियोगिताओं के माध्यम से लोगों को जागरुक किया। इन सभी कार्यक्रमों में कलेक्टर, जिला प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारियों के अलावा सामाजिक, स्वैच्छिक संगठन ने भी अपना योगदान बखूबी निभाया…
ग्राम परसतराई के ग्रामीणों ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए एकमत होकर दलहन, तिलहन, साग सब्जी की खेती करने आगे आए। वहीं गांवों की बेटियों के नाम से वृक्षों का नाम रखा, उन पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी रक्षा करने का संकल्प लिया। पूरे जिले में जल संरक्षण की दिशा में कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें जिले के लिए नियुक्त जल प्रहरी श्री नीरज वानखेड़े ने जल के सदुपयोग, संरक्षित करने के उपाय, रूफ टॉप स्ट्रक्चर, रैन वाटर हार्वेस्टिंग इत्यादि के बारे में जानकारी दी…