छत्तीसगढ

मैथिली ठाकुर ने बिलासपुर में बांधा समा, भजन गायन के प्रति समर्पण की कहानी से जीते दिल

बिलासपुर:मंगलवार को बिलासपुर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में देशभर में अपनी भजन गायिकी से प्रसिद्ध हुईं मैथिली ठाकुर का आगमन हुआ। मंथन सभा कक्ष में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मैथिली ठाकुर ने अपने संगीत के सफर और भजन गायन के प्रति समर्पण की कहानी साझा की, जिससे सभी लोग प्रभावित हुए। मैथिली ठाकुर ने बताया कि उनके भजन गायन की यात्रा बचपन से ही शुरू हो गई थी। उनके पिता उनके संगीत गुरु हैं, जिन्होंने उन्हें भजन गाने का प्रशिक्षण दिया। मैथिली का कहना है कि उनके घर में हर सदस्य भजन गाता है और इसी भक्तिमय माहौल में उनकी भी संगीत यात्रा शुरू हुई। परिवार का भक्ति संगीत में समर्पण और स्नेह देखकर उन्होंने भी इस क्षेत्र में अपने कदम बढ़ाए और अपनी मधुर आवाज़ के ज़रिए भक्ति संगीत को जन-जन तक पहुंचाने का सपना देखा। उन्होंने यह भी बताया कि सोशल मीडिया पर उनके भजनों के वायरल होने से उनकी प्रसिद्धि बढ़ी और देश के विभिन्न हिस्सों से उन्हें प्रशंसा मिलने लगी। उनकी लोकप्रियता ने उन्हें घर-घर तक पहुंचा दिया, जिससे वह और उनका परिवार बेहद खुश हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ उनके पिता और भाई भी उपस्थित थे, जो इस सफर में उनके सहायक और प्रेरणास्त्रोत हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मैथिली ठाकुर ने छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध राज्यगीत भी गाया। उनकी सुमधुर और भावपूर्ण प्रस्तुति ने सभी का दिल जीत लिया और उपस्थित पत्रकारों ने उनकी कला की प्रशंसा की। राज्यगीत के गायन से उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सम्मान देने का भाव प्रकट किया, जिससे सभी लोग गदगद हो गए। राज्योत्सव में अपनी प्रस्तुति देने को लेकर मैथिली ठाकुर ने कहा कि यह उनके लिए एक अद्भुत अनुभव है और छत्तीसगढ़ की भूमि पर गाना उनके लिए सौभाग्य की बात है।

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