RTO के पूर्व करोड़पति कांस्टेबल सौरभ शर्मा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी, भाग सकता है विदेश
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा की मुश्किलें बढ़ने वाली है। सौरभ शर्मा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। दरअसल, लोकायुक्त के छापे के बाद से आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा फरार है और उसकी लोकेशन अब तक ट्रेस नहीं हो पाई है।
ऐसे में यदि सौरभ शर्मा देश में ही कहीं है तो लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद सौरभ देश छोड़कर नहीं जा सकेगा। बता दें कि, लुकआउट सर्कुलर तब जारी किया जाता है, जब किसी व्यक्ति के बारे में पता चलता है कि वह जांच एजेंसियों द्वारा वांछित है या उसे देश छोड़ने से रोकना ज़रूरी है। सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर से मिली ज्वेलरी और चांदी की ईंटों के पीछे लोकायुक्त को हैरान कर देने वाली जानकारी मिली है।
लोकायुक्त सूत्रों की मानें तो सौरभ नगदी की बजाय सोना और चांदी पर ज्यादा भरोसा करता था और कैश को ज्यादातर सोने या चांदी में बदल देता था। इसके पीछे की वजह थी इन दोनों धातुओं पर निवेश के बदले मिलने वाला रिटर्न। दरअसल, सोने और चांदी जितनी में खरीदी जाती है, आगे चलकर उससे ज्यादा में ही बिकती है।
अगर चांदी या सोना बार (ईंट) की शक्ल में हो तो उसपर मेकिंग चार्ज भी नहीं लगता और यही वजह है कि सौरभ के घर से ज्वेलरी से ज्यादा चांदी मिली है और वो भी ईंटों के रूप में जिसपर लेबर चार्ज भी नहीं देना होता। सूत्रों के मुताबिक, सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर से जो दस्तावेज मिले हैं, उनमें करोड़ों का लेनदेन है।
ज़ाहिर है कि सौरभ के पास कैश इनफ्लो बहुत ज्यादा होता था। लेकिन इतनी बड़ी संख्या में नोटों को रखने के साथ सौरभ को शायद उसके खराब होने का भी डर रहता था। उसे डर था कि लंबे समय तक नोट रखे गए तो दीमक या चूहे उसे कुतर सकते हैं, इसलिए वो जितना जल्दी हो सकता था, बचे हुए कैश से हार्ड मेटल जैसे चांदी या सोने की ईंटें खरीद लेता था। हालांकि, आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि लोकायुक्त ने नहीं की है। लेकिन छापे के दौरान लोकायुक्त को इतनी बड़ी संख्या में चांदी की ईंटों के मिलने पर इसका तर्क यह बताया गया था।