नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में हुए खर्चों का ब्योरा मिलना शुरू हो गया है. कांग्रेस ने इस बात का खुलासा किया है कि पार्टी ने किस कैंडीडेट को कितनी रकम दी थी. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने राहुल गांधी को वायनाड और रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए 70-70 लाख का रुपये दिए. पार्टी ने चुनाव आयोग को इस बात की जानकारी दी.
कांग्रेस ने यह भी बताया कि सबसे ज्यादा धनराशि हिमाचल प्रदेश के मंडी से कांग्रेस कैंडीडेट विक्रमादित्य सिंह को दिए थे. उन्हें पार्टी फंड से करीब 87 लाख रुपये प्रदान किए गए थे, लेकिन वे बीजेपी की कंगना रनौत से चुनाव हार गए. इसके आलावा 70 लाख रुपये पाने वालों में अमेठी से किशोरी लाल शर्मा (जिन्होंने भाजपा की मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी को हराया), केसी वेणुगोपाल (केरल में अलपुझा) और मणिकम टैगोर (तमिलनाडु में विरुधुनगर) शामिल हैं.
वहीं, कर्नाटक के गुलबर्गा से कांग्रेस उम्मीदवार राधाकृष्ण और पंजाब के आनंदपुर साहिब से विजय इंदर सिंगला को भी 70-70 लाख रुपए मिले. सीनियर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और दिग्विजय सिंह, जो दोनों ही चुनाव हार गए, को 46 लाख और 50 लाख रुपए मिले.
इलेक्शन कमीशन की सिफारिश पर बढ़ी खर्च सीमा
बता दें, लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी ने 99 सीटें जीती थीं, जिसमें से दो सीटों पर गांधी ने जीत दर्ज की थी. वैसे तो चुनाव प्रचार में उम्मीदवार के खर्च की एक सीमा होती है, लेकिन राजनीतिक दलों के लिए ऐसी कोई सीमा नहीं होती. जनवरी 2022 में चुनाव आयोग की सिफारिश पर सरकार ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के लिए चुनाव खर्च की सीमा 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 95 लाख रुपये और विधानसभा चुनाव के लिए 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी थी.
बड़े और छोटे राज्यों के लिए अलग है लिमिट
लोकसभा चुनावों के लिए संशोधित व्यय सीमा अब बड़े राज्यों के लिए 90 लाख रुपये और छोटे राज्यों के लिए 75 लाख रुपये है. 2024 के लोकसभा चुनाव सात चरणों में हुए और नतीजे 4 जून को घोषित किए गए. कांग्रेस ने पिछले महीने लोकसभा चुनाव और अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अपना टआंशिक चुनाव व्यय विवरणट चुनाव आयोग को सौंपा था. यह विवरण चुनाव लड़ने के लिए पार्टी द्वारा उम्मीदवारों को दी गई टएकमुश्त राशिट से संबंधित था.